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खत्म हुआ भारत​-श्रीलंका की सेनाओं ​का संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘मित्र शक्ति’

संयुक्त सैन्य अभ्यास 'मित्र शक्ति'

– दोनों देशों ने आपसी हित और द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के मुद्दों पर चर्चा की​- शहरी आतंकवाद से निपटने में क्षमताओं को बढ़ा​ने पर किया गया फोकस

नई दिल्ली, 25 अगस्त (Udaipur Kiran) ।​ भारत और श्रीलंका की सेनाओं के बीच श्रीलंका के मदुरु ओया स्थित आर्मी ट्रेनिंग स्कूल में​ चल रहा संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘मित्र शक्ति’ का ​समापन रविवार को ​भव्य समारोह के साथ हो गया। अभ्यास के ​आखिरी दिन भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने श्रीलंका के​ सीडीएस​ जनरल शैवेन्द्र सिल्वा​ से टेलीफोनिक वार्ता करके दोनों देशों की सेनाओं के संयुक्त सैन्य अभ्यास ​’मित्र​ शक्ति​’ सहित आपसी हित और द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के मुद्दों पर चर्चा की।​

भारत और श्रीलंका के बीच 12 अगस्त से ​शुरू हुए संयुक्त सैन्य अभ्यास ​’मित्र शक्ति​’ ​के 10​वें संस्करण​ का उद्देश्य ​दोनों सेनाओं के बीच अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ाना और शहरी आतंकवाद से निपटने में क्षमताओं को बढ़ाना और दोनों सेनाओं के बीच सहयोग को मजबूत करना था। ​इस लिहाज से भारतीय​ और श्रीलंकाई सेना के बीच अंतर-संचालन क्षमता में वृद्धि​ होने के साथ ही आपसी सहयोग मजबूत हुआ। ​इस दौरान भारत और श्रीलंका की सेनाओं ने आर्मी ट्रेनिंग स्कूल में​ 78वें भारतीय​ स्वतंत्रता दिवस पर संयुक्त रूप से योगाभ्यास किया।

सेना प्रमुख ​जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने टेली​फोन पर श्रीलंका के​ सीडीएस​ जनरल शैवेन्द्र सिल्वा​ से बातचीत की।​ उन्होंने भारत और श्रीलंका के बीच चल रहे संयुक्त सैन्य अभ्यास मित्र​ शक्ति सहित आपसी हित और द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के मुद्दों पर चर्चा की।​ दोनों सैन्य अधिकारियों ने माना कि भारत और श्रीलंका की सेना​ओं ने​ अभ्यास के दौरान आतंकवाद विरोधी सफल अभियानों में अद्वितीय विशेषज्ञता का प्रदर्शन किया है, जो जटिल सुरक्षा चुनौतियों के प्रबंधन में उनके व्यापक अनुभव और दक्षता का प्रमाण है।

भारतीय सेना​ ने एक बयान में कहा कि संयुक्त अभ्यास ​’मित्र शक्ति​’ में दोनों सेनाओं ने आपसी समझ और परिचालन प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए अपने-अपने ज्ञान और रणनीतियों का लाभ उठाया है। इस संयुक्त अभ्यास ने सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने, सामरिक दृष्टिकोण को परिष्कृत करने और आतंकवाद के खिलाफ सहयोगी प्रयासों को मजबूत करने के लिए एक मंच प्रदान किया है। अपने कौशल और अनुभवों को एकीकृत करके भारतीय और श्रीलंकाई सेनाओं ने अपनी क्षमताओं को मजबूत किया है और आतंकवाद विरोधी प्रयासों में एक गहरी रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा दिया है।

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(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम / पवन कुमार

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