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मुख्‍यमंत्री मोहन यादव बोले- मप्र में नहीं चलेगा तुष्‍टीकरण, सभी को चलना होगा कानून से

मध्य प्रदेश में पाञ्चजन्य सुशासन संवाद  राष्‍ट्रीय समाचार पत्र पाञ्चजन्य के संपादक हितेष शंकर से बातचीत करते हुए मुख्‍यमंत्री यादव
पाञ्चजन्य सुशासन संवाद मध्य प्रदेश में राष्‍ट्रीय समाचार पत्र पाञ्चजन्य के संपादक हितेष शंकर से बातचीत करते हुए मुख्‍यमंत्री यादव

भोपाल, 24 अगस्त (Udaipur Kiran) । मध्‍य प्रदेश में किसी विशेष समुदाय का कोई तुष्‍टीकरण नहीं होगा। सभी के लिए सरकार के नियम बराबर हैं और सभी को उसके अनुसार ही चलना होगा। किसी धर्म विशेष के साथ ज्यादती करना हमारा भाव नहीं है, लेकिन अगर बिना नियमों के चलेंगे तो कानून अपना काम करेगा। कानून सबके लिए समान है। मध्य प्रदेश में यह सब नहीं चलेगा। यह कहना है मध्‍य प्रदेश के मुख्‍यमंत्री डॉ मोहन यादव का।

दरअसल, शनिवार को पाञ्चजन्य सुशासन संवाद मध्य प्रदेश में राष्‍ट्रीय समाचार पत्र पाञ्चजन्य के संपादक हितेष शंकर से बातचीत करते हुए मुख्‍यमंत्री यादव ने कई विषयों पर मप्र सरकार के रुख से अवगत कराया। उन्‍होंने कहा कि युवा, महिला, किसान और गरीब के लिए हमने प्लान बनाया है। युवाओं के कौशल विकास के लिए राज्य सरकार मिशन मोड में काम कर रही है। युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, उद्योगों में महिलाओं को रोजगार देने के लिए अवसर बढ़ाए जा रहे हैं। गरीबों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं संचालित की गई हैं। किसानों के लिए पानी को लेकर हम प्लान तैयार कर रहे हैं। हमारे सभी संभाग उद्योगों से संपन्न होना चाहिए। इसलिए जहां-जहां बड़े उद्योगपति हैं, हम वहां जाकर उनको मध्य प्रदेश आने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इस दौरान सीएम यादव ने उद्योग जगत के लोगों से मिलने अन्‍य राज्‍यों में जाने एवं उन्‍हें आमंत्र‍ित करने संबंधी अपने अनुभव भी साझा किए।

इसके साथ ही उनका कहना रहा कि प्रदेश में निवेश बढ़ाने पर ध्यान दिया जा रहा है। प्रदेश के सभी संभागों में रीजनल इन्वेस्टर्स समिट आयोजित कर रहे हैं। देश-विदेश के निवेशकों को प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश की अर्थव्यवस्था को तेजी से बढ़ाया है। प्रदेश के बजट को आने वाले पांच साल में दोगुना कर दिया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि हमने 03 लाख 10 हजार करोड़ का बजट सदन में रखा है, आने वाले समय में हम इसे 7 लाख करोड़ से ऊपर लेकर जाएंगे। इसके लिए जो योजना बनाई गई है, उस पर काम जारी है और उसके सफल परिणाम भी आ रहे हैं ।

मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि प्रदेश में नदी जोड़ो अभियान से किसानों को सिंचाई के क्षेत्र में बहुत अधिक लाभ होगा। उत्पादन के क्षेत्र में मध्यप्रदेश आने वाले समय में पंजाब और हरियाणा को भी पीछे छोड़ देगा। उन्होंने कहा कि खेती के अलावा पशुपालन और दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने के प्रयास जारी हैं। प्रदेश में आधुनिक संसाधनों और तकनीक का उपयोग करते हुए सुशासन के क्षेत्र में बेहतर कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कानून का पालन करना हम सभी का दायित्व है। सेनेटरी पेड और स्वच्छता के क्षेत्र में किए गए कार्य के लिए यूनीसेफ ने मध्यप्रदेश की पहल की सराहना की है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि उज्जैन में आयोजित होने वाले सिंहस्थ के लिए विशेष तैयारियां की जा रही हैं, जिसमें सभी श्रद्धालुओं को आनंद आएगा। सीएम यादव बोले कि त्योहार हमारी संस्कृति का गौरव है। हमारी सरकार ने इंदौर जिले में जानापाव को तीर्थ स्थल बनाने का निर्णय लिया है। जानापाव भगवान परशुराम की जन्‍मस्‍थली है। इस तरह से प्रदेश के कई संस्‍कृत‍ि महत्‍व के स्‍थलों पर सरकार ध्‍यान दे रही है।

पाञ्चजन्य के बारे में बोलते हुए मोहन यादव ने कहा कि पाञ्चजन्य भगवान श्री कृष्ण के हाथ में सदैव दिखाई देता है लेकिन यह बात भी सही है कि उनके हाथ में आने का कारण क्या है। तो उनके आने का कारण मैं तो यह मानकर चलता हूं कि मध्य प्रदेश है। हमारे अपने भगवान कान्हा बनकर के मथुरा गए और मथुरा में कृष्ण बनकर कंस को मारा और कंस को मारने के बाद वह मध्य प्रदेश में शिक्षा ग्रहण कर श्री कृष्ण बने। श्री लगाने वाला कोई राज्य है तो वह मध्य प्रदेश है। यह भी बताना आवश्यक समझता हूं कि ऐसा कहते हैं कि जब उनकी मथुरा से शिक्षा ग्रहण करने आए तो 64 दिन में 64 प्रकार की कलाएं, 14 विद्या, 18 पुराण चारों वेद बहुत कुशाग्र थे।

मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश से भगवान श्रीकृष्ण का गहरा संबंध है। भगवान श्री कृष्ण यहां उज्जैन के संदीपनी आश्रम में शिक्षा ग्रहण करने आए थे। इंदौर के पास जानापाव में भगवान श्रीकृष्ण को परशुराम जी ने सुदर्शन चक्र प्रदान किया था। जन्माष्टमी हमारे लिए सौभाग्य का पर्व है। रक्षाबंधन केवल भाई-बहन का पर्व नहीं है बल्कि सबको साथ लेकर चलने वाला संस्कृति का पर्व है। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि भौगोलिक दृष्टि से उज्जैन का अत्यधिक महत्व है। काल की गणना में उज्जैन अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है। उज्जैन में सिंहस्थ की तैयारी अभी से प्रारंभ कर दी गई है, जिससे श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो।

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(Udaipur Kiran) / डॉ. मयंक चतुर्वेदी / आकाश कुमार राय

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