-हजारों नम आंखों से पैतृक गांव दौहला में शहीद विकास को दी अंतिम विदाई
-युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत रहेंगे विकास राघव, अंतिम सांस तक शेर की तरह लड़े
गुरुग्राम, 24 अगस्त (Udaipur Kiran) । जम्मू कश्मीर के डोडा क्षेत्र में आतंकियों से मुठभेड़ में गुरुग्राम के दौहला गांव का बेटा विकास राघव शहीद हो गया। दो महीने बाद परिणय सूत्र में बंधने वाले विकास राघव की शहादत पर सबको गर्व है। शनिवार को गमगीन माहौल के बीच विकास राघव को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। अंतिम यात्रा में युवाओं ने मोटरसाइकिलों के काफिले की अगुवाई में शहीद विकास राघव को सम्मान दिया।
जांबाज विकास राघव ने दुश्मनों के साथ अंतिम सांस तक लड़ाई लड़ी, वह युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है। तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे विकास राघव के बड़े भाई एक निजी कंपनी में नौकरी करते हैं। विकास राघव की दो महीने बाद शादी थी। विकास के पिता पहले प्राइवेट जॉब करते थे। अब वे घर पर ही रह रहे हैं। मां भी गृहिणी हैं। शहीद विकास राघव का पार्थिव शरीर दोपहर बाद पैतृक गांव दौहला पहुंचा तो इंतजार में बैठे हजारों ग्रामीणों की आंखों से अश्रुधारा बहने लगी। परिवार के साथ गम में हर कोई गमगीन था।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सोशल मीडिया पर शहीद की तस्वीर शेयर करते हुए उनके शहादत को सलाम किया। उन्होंने लिखा-जम्मू-कश्मीर के डोडा में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में हरियाणा के गांव दौहला (सोहना) निवासी सैनिक विकास राघव ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। उनकी शहादत को विनम्र श्रद्धांजलि व शहीद के परिवार के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। उनके सर्वोच्च बलिदान का हर देशवासी हमेशा ऋणी रहेगा। दुख की इस कठिन घड़ी में हर भारतवासी अपने शहीद के परिवार के साथ एकजुट है। विकास राघव को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कल्याण सिंह चौहान ने कहा कि विकास राघव की शहादत भले ही हुई हो, लेकिन वे सदैव हमारे दिलों में अमर रहेंगे। उनकी अमरता के किस्से कहे जाएंगे। उन्होंने जिस बहादुरी से दुश्मनों का खात्मा किया, वह बहादुरी पीढिय़ों तक प्रेरणा स्रोत रहेगी।
(Udaipur Kiran) हरियाणा / SANJEEV SHARMA