भोपाल, 24 अगस्त (Udaipur Kiran) । जम्मू कश्मीर में कांग्रेस एवं नेशनल कांफ्रेंस के मध्य हुए अवसरवादी गठबंधन पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने शनिवार काे कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि फारूक अब्दुल्ला और कांग्रेस पार्टी का साथ मिलकर चुनाव लड़ना यह इंगित करता है कि कांग्रेस नेशनल कांफ्रेंस के घोषणा पत्र के अनुसार अलग झंडे के वादे का समर्थन करती है। कांग्रेस को देश की जनता को यह बताना चाहिए कि क्या वह अनुच्छेद 370 और 35 ए को पुनः कश्मीर में लाना चाहती है? क्या कांग्रेस चाहती है कि शंकराचार्य पर्वत को तख़्त-ए-सुलिमान और हरि पर्वत को कोह-ए-मारन के नाम से जाना जाए?
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अत्यंत दुर्भाग्यजनक है कि कांग्रेस नेशनल कांफ्रेंस के साथ गठबंधन कर कश्मीर के माध्यम से पूरे देश में अराजकता पैदा करना चाहती है। नेशनल कांफ्रेंस की सोच के अनुरूप कांग्रेस कश्मीर पर पाकिस्तान से पुनः वार्तालाप करना चाहती है। कश्मीर आज विकास के एक अलग दौर में पहुंच चुका है और पूरे देश के साथ कदम-से-कदम मिलाकर चलना चाहता है। कांग्रेस केवल वोट बैंक की राजनीति के कारण कश्मीर में दलितों, गुर्जर, बकरवाल और पहाड़ियों के आरक्षण को समाप्त कर देने का षडयंत्र रच रही है। इस अपवित्र गठबंधन से स्पष्ट है कि कांग्रेस की मंशा पवित्र गुफा बाबा अमरनाथ यात्रा पर फिर से संकट के बादल मंडराने की है।
अनुच्छेद 370 और 35 A थी कश्मीर में अशांति की वजह
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को उन कारणों पर विचार करना चाहिए, जिनके चलते कश्मीर में अब तक हजारों निमर्म हत्याएं की जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 और 35 ए ही कश्मीर में अशांति की मुख्य वजह रही है और दुर्भाग्य से कांग्रेस ने जिस नेशनल कांफ्रेंस के साथ गठबंधन किया है, वह इन दोनों धाराओं को फिर से लागू करने की बात करती है। जम्मू और कश्मीर के बीच विभाजन का काम कांग्रेस ने लंबे समय तक किया है, जिसमें नेशनल कांफ्रेंस की भी बड़ी भूमिका रही है। आज जब कश्मीर बदल रहा है और विकास के रास्ते पर चल रहा है, तब एक बार फिर कांग्रेस पार्टी अराजक और अलगाववादी तत्वों के साथ अपनी राजनैतिक अवसरवादिता के लिए हाथ मिला रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि चुनाव की राजनीति में दलों की सीमाएं हो सकती हैं, लेकिन राष्ट्रीय मुद्दों पर कांग्रेस को समझौता नहीं करना चाहिए। डॉ. यादव ने कहा कि देश की जनता कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से यह जानना चाहती है कि कांग्रेस के निजी स्वार्थ क्या राष्ट्र हित से ऊपर है।
(Udaipur Kiran) / नेहा पांडे तोमर