-राज्य की वर्तमान 53,368 मेगावॉट की स्थापित क्षमता में 2400 मेगावॉट की वृद्धि होगी
अहमदाबाद, 24 अगस्त (Udaipur Kiran) । गुजरात सरकार ने राज्य के 3 बिजली घरों में 800-800 मेगावॉट के सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर एक्सटेंशन को सैद्धांतिक स्वीकृति दी है। गांधीनगर थर्मल पावर स्टेशन, सिक्का थर्मल पावर स्टेशन तथा उकाई थर्मल पावर स्टेशनों (टीपीएस); प्रत्येक में 800 मेगावॉट के ऐसे संयंत्र स्थापित होने से राज्य की वर्तमान कुल 53,368 मेगावॉट की स्थापित विद्युत उत्पादन क्षमता में 2400 मेगावॉट की वृद्धि होगी।
गुजरात में हाल में 24,962 मेगावॉट परंपरागत तथा 28,406 मेगावॉट अपरंपरागत ऊर्जा उत्पादन सहित कुल 53,368 मेगावॉट स्थापित विद्युत उत्पादन क्षमता है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने इन प्रस्तावित कन्वेंशनल पावर प्रोजेक्टों की स्थापना द्वारा स्टेट ऑफ द आर्ट पावर जनरेशन फैसिलिटी एंड टेक्नोलॉजी का उपयोग करने का लक्ष्य रखा है। राज्य में वर्ष 2021-22 में प्रति व्यक्ति बिजली उपभोग 2,283 यूनिट था, जो वर्ष 2022-23 में बढ़ कर 2,402.49 यूनिट हो गया है। इस प्रकार लगातार बढ़ती जा रही बिजली की मांग से निपटने के लिए ये लिग्नाइट एंड कोल आधारित सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर स्टेशन जरूरी हो गए हैं।
इन प्लांट्स में ऊर्जा स्रोत के रूप में घरेलू कोयले का उपयोग किया जाएगा। हवा की गुणवत्ता पर प्रभाव कम करने के लिए एडवांस्ड इमिशन कंट्रोल सिस्टम तथा हाई एफिशिएंसी एयर पॉल्यूशन कंट्रोल इक्विपमेंट का उपयोग होगा। इतना ही नहीं, गुजरात स्टेट इलेक्ट्रिसिटी कॉर्पोरेशन लिमिटेड (जीएसईसीएल) कॉम्प्रिहेंसिव वेस्ट मैनेजमेंट स्ट्रैटेजिस को भी लागू करेगा। कोयला आधारित विद्युत संयंत्र राज्य में नॉन-सोलर अवर्स तथा अकाल के समय, कम हवा, गैस की कम उपलब्धता आदि आकस्मिक जरूरतों के समय उपयोगी सिद्ध होते हैं। ऊर्जा सुरक्षा के साथ उपभोक्ताओं को निर्बाध विश्वसनीय विद्युत आपूर्ति करने के लिए रिन्यूएबल एनर्जी के साथ-साथ कोयला आधारित पावर प्लांट भी आवश्यक हैं। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने 800-800 मेगावॉट के तीन सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर एक्सटेंशन को सैद्धांतिक अनुमति दी है। इस प्रकार; गांधीनगर, सिक्का एवं उकाई; तीनों पावर प्लांट के इस अतिरिक्त 2400 मेगावॉट विद्युत उत्पादन के साथ राज्य की कुल स्थापित विद्युत उत्पादन क्षमता 55,768 मेगावॉट हो जाएगी। इन प्रस्तावित प्रोजेक्टों द्वारा रोजगार के लगभग 3 हजार अवसर सृजित हो सकेंगे।
(Udaipur Kiran) / बिनोद पाण्डेय पाश