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दिनदहाड़े लड़की को फब्ती कसने एवं अपहरण की कोशिश करने के आरोपित को जमानत देने से हाई कोर्ट का इनकार

इलाहाबाद हाईकोर्ट

प्रयागराज, 23 अगस्त (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि अलीगढ़ के क्वार्सी थाना क्षेत्र में सुबह नौ बजे अपने घर आ रही लड़की को बाइक सवार दो लड़कों द्वारा फब्ती कसने एवं पकड़कर बाइक पर बैठाने की कोशिश करने की घटना भयमुक्त समाज एवं गुड गवर्नेंस के सिद्धांत के विरुद्ध है।

कोर्ट ने कहा उसकी चीख सुनकर उसके भाई व अन्य लोग बचाने न पहुंचे होते तो ऐसी दूसरी घटना हो सकती थी, जो मानवता व समाज के लिए शर्मनाक होती।

कोर्ट ने आरोपित याची के कृत्य की गम्भीरता और उपलब्ध सबूतों को देखते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन ने सफी उर्फ साबी की जमानत अर्जी को खारिज करते हुए दिया है।

मालूम हो कि पीड़ित 19 जुलाई 24 को सुबह नौ बजे घर आ रही थी। उसी समय दो लड़के साबी व ताबिश मोटरसाइकिल पर आये और फब्ती कसी। याची ने दूसरे से कहा उठाकर बैठा ले। उसने पकड़कर बैठाने की कोशिश की। उसे लेने आ रहा भाई मौके पर आ गया और कुछ अन्य लोगों ने शोर सुनकर पीड़िता को बचाया और ताबिश को मौके पर पकड़ लिया। किन्तु याची मोटरसाइकिल लेकर भाग गया। सह अभियुक्त ने याची का नाम बताया और 20 जुलाई को पुलिस ने गिरफ्तार कर याची को जेल भेज दिया।

पीड़ित ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 180 व 183 में बयान दर्ज कराया और घटना का तफसील से ब्योरा दिया है। जिसमें याची को पूरी तरह से शामिल पाया गया है। पीड़िता ने कहा है कि अभियुक्त के गले व हाथ में टैटू है। वह पहचान सकती है। कोर्ट ने अपराध की गम्भीरता को देखते हुए याची को जमानत देने से इनकार कर दिया।

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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे / प्रभात मिश्रा

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