जगदलपुर, 23 अगस्त (Udaipur Kiran) ।बस्तर जिले में फूड सेफ्टी एक्ट के तहत अब खाद्य व औषधि विभाग फल-सब्जी के नमूने दुकानों से लेगा। यह सैंपल विभाग (एफएसएसएएल वाहन) जिसे सामान्य भाषा चलित फूड टेस्टिंग लैब कहा जाता उससे लेगा। उम्मीद की जा रही है कि यह सैंपलिंग बस्तर जिले में सितंबर 2024 से शुरू हो जाएगी।
विदित हाे कि अधिक रसायन के उपयाेग से फल और सब्जी दिखने में तो अच्छे लगते हैं लेकिन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। सेब, टमाटर, प्लम, खुमानी, आडू समेत अन्य फलों में आकर्षक रंग व आकार देने के लिए कई तरह के रसायनों का स्प्रे किया जाता है, अब इन फलाें के सैंपलिंग दुकानों से की जाएगी। इसमें जिन सब्जी और फलों की गुणवत्ता के खराब होने की आशंका लगेगी उसकी जांच लैब व किट से होगी। गुणवत्ता में जरा भी गड़बड़ी मिलती है तो फिर कार्रवाई होगी।
खाद्य व औषधि प्रशासन विभाग की जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी जाहिरा खान ने बताया कि जल्द ही सब्जियों व फलों के सैंपल लिए जाएंगे, यह हमारे नियम में है। उत्पादन बढ़ाने के लिए सब्जियों में कीटनाशकों का जमकर प्रयोग होता है। वहीं फल को पकाने और उन्हें चमकदार दिखाने के लिए केमिकल युक्त पॉलिश करते हैं। इनमें कई ऐसे रासायनिक तत्व होते हैं जो मानव शरीर पर दुष्प्रभाव डालते हैं। कोशिश यह होगी हर महीने करीब 15 सैंपल लिए जाएं। इन नमूनों में फल से लेकर सब्जी दोनों शामिल होंगे। इसके अलावा जरूरत महसूस हुई तो अन्य खाद्य पदार्थों की सैंपलिंग कर उसकी जांच भी की जाएगी।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी जाहिरा खान ने बताया कि खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी बाजार में बिकने के लिए पहुंचने पर फल और सब्जियों के सैंपल लेंगे। जांच के लिए इन सैंपलों को गाड़ी में लाया जाएगा। जांच रिपोर्ट भी करीब एक घंटे में मिल जाएगी। जांच में फल व सब्जी में कीटनाशक व रसायन की मात्रा ज्यादा पाई गई तो भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) से अधिकृत लैब रिपोर्ट के आधार पर अदालत में मामला दर्ज करवाया जाएगा।
(Udaipur Kiran) / राकेश पांडे / केशव केदारनाथ शर्मा