शिमला, 23 अगस्त (Udaipur Kiran) । प्रदेश में शराब के अधिक दाम वसूलने वालों पर आबकारी विभाग शिकंजा कसेगा। ऐसे शराब कारोबारियों के ख़िलाफ़ एक लाख रुपये तक जुर्माना लगेगा।
राज्य कर एवं आबकारी आयुक्त डॉ. यूनुस ने शुक्रवार को कहा कि प्रदेश में शराब कारोबारियों द्वारा लाभांश की तय दरों से अधिक दाम वसूलने पर हिमाचल प्रदेश आबकारी अधिनियम, 2011 व इसके तहत बनाए गए नियमों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने बताया कि ओवर चार्जिंग में दोषी पाए जाने पर ठेकेदार को पहले उल्लंघन पर 15000 रुपये, दूसरे उल्लंघन पर 25000 रुपये, तीसरे उल्लंघन पर 50000 रुपये और चौथे उल्लंघन पर एक लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि अगर कोई ठेकेदार ओवर चार्जिंग करते हुए चार बार से अधिक दोषी पाया जाता है तो संबंधित आबकारी अधिकारी तुरन्त जोनल कलेक्टर को ठेकेदार के विरूद्ध हिमाचल प्रदेश आबकारी अधिनियम 2011 की धारा 29 के अंतर्गत कार्रवाई के लिए सिफारिश करेगा। जिसके तहत ठेकेदार का लाइसेंस निलंबित या रद्द हो सकता है।
आबकारी आयुक्त ने बताया कि अधिक लाभांश पर शराब विक्रय करने की शिकायतों पर विभाग द्वारा सख्त कार्रवाई की जा रही है। विभाग द्वारा शराब की दुकानों पर आबकारी नीति के तहत एमएसपी और लाभांश के बारे में जानकारी प्रदर्शित करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि आबकारी नीति के तहत बॉटल्ड इन ओरिजिन (सिंगल माल्ट, व्हिस्की, रम, जिन, वोदका, बायो बीयर/बायो वाइन, साइडर) पर 10 प्रतिशत लाभांश और भारत में निर्मित सभी बीयर ब्रांड पर 30 प्रतिशत लाभांश तय किया गया है। देसी शराब पर 30 प्रतिशत लाभांश, देश में बनी लो ब्रांड अंग्रेजी शराब पर 15 फीसदी और हाई ब्रांड शराब पर 30 फीसदी लाभांश तय किया गया है।
उन्होंने बताया कि न्यूनतम विक्रय मूल्य से 10 से 30 फीसदी लाभांश से अधिक शराब के विक्रय से संबंधित शिकायत के लिए विभाग ने दूरभाष नम्बर भी जारी किए हैं। इस संबंध में शिकायतकर्ता कांगड़ा जोन में दूरभाष नम्बरः 01894230186, मण्डी जोन में 01905223499, शिमला जोन में 01772620775 सम्पर्क कर सकते हैं।
डॉ. यूनुस ने बताया कि विभाग का नियंत्रण कक्ष सप्ताहभर 24 घंटे कार्यशील रहता है और सभी नागरिक इस प्रकार के मामले संज्ञान में आते ही टॉल फ्री नम्बर 18001808063, दूरभाष नम्बर 0177-2620426 और वाट्स-एप नम्बर 94183-31426 पर जानकारी साझा कर सकते हैं ताकि किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा शुक्ला