Haryana

हिसार : एचएयू को सर्वोच्च स्थान दिलाने के लिए मिलकर प्रयास करें वैज्ञानिक : प्रो. बीआर कम्बोज

कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज के साथ अधिकारीगण।

‘एडवांसिज़ इन एग्रोनॉमी: चैलंजिज़ बीयोंड ए+ ग्रेड’ विषय पर ब्रेन स्ट्रोरमिंग सत्र का आयोजन

हिसार, 23 अगस्त (Udaipur Kiran) । हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने वैज्ञानिकों व शोधार्थियों को किसानों की जरूरतों के हिसाब से शोध करने, शोधार्थियों का मार्गदर्शन करने व विकसित तकनीकों को किसानों तक पहुंचाने के लिए बधाई दी है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक व शोधार्थी भविष्य में और बेहतर ढंग से कार्य करें।

कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज शुक्रवार को कृषि महाविद्यालय में एग्रोनॉमी विभाग की ओर से ‘एडवांसिज़ इन एग्रोनॉमी: चैलंजिज़ बीयोंड ए+ ग्रेड’ विषय पर ब्रेन स्ट्रोरमिंग सत्र को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज मुख्य अतिथि थे, जबकि जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर के पूर्व कुलपति डॉ. डीपी सिंह विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद रहे। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय कृषि शिक्षा प्रत्यायन बोर्ड (नैब) की ओर से दिए गए ए प्लस ग्रेड पर मंथन करते हुए भविष्य में और अधिक प्रभावी बनाने एवं प्रदेश के किसानों को बेहतर कृषि तकनीक उपलब्ध करवाने के बारे पर विचार रखे गए।

प्रो. बीआर कम्बोज ने बताया कि किसानों की समस्याओं को ध्यान में रखकर शोध करके समग्र सिफारिशों को खेती में लागू करवाकर सस्य वैज्ञानिक अह्म भूमिका निभा रहे हैं। जलवायु परिवर्तन, मृदा में बढ़ती लवणता व जलभराव की समस्या से निपटने के लिए नई-नई तकनीक विकसित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने संरक्षित खेती, कम पानी में अधिक पैदावार देने वाली कृषि पद्धतियां विकसित करने के लिए वैज्ञानिकों को प्रेरित किया।

डॉ. डीपी सिंह ने अपने संबोधन में हकृवि में किए गए अपने कार्यों एवं अनुभवों को सांझा करते हुए कृषि क्षेत्र में आ रही चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित वैज्ञानिकों को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्वविद्यालय के कार्यों एवं उपलब्धियों के प्रचार एवं प्रसार के साथ-साथ विद्यार्थियों को अलग-अलग संस्थानों में भ्रमण के माध्यम से नई-नई तकनीक सीखाने के लिए प्रेरित किया।

कार्यक्रम में कुलसचिव डॉ. पवन कुमार ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए प्रेरित किया। कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एसके पाहुजा ने उच्च स्ंस्थानों में किए गए अपने भ्रमण संबंधी अनुभव सांझा किए। अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग ने कृषि क्षेत्र में जल संरक्षण पर अपने विचार रखे व मानव संसाधन प्रबंधन निदेशक डॉ. रमेश कुमार ने विश्वविद्यालय द्वारा विकसित कृषि तकनीकों को किसानों तक जल्दी से जल्दी पहुंचाने पर अपने विचार रखे। सस्य विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. एसके ठकराल ने कार्यक्रम में सभी वैज्ञानिकों एवं अधिकारियों का स्वागत करते हुए विभाग की उपलब्धियों की जानकारी दी। कार्यक्रम में डॉ. वीरेन्द्र हुड्डा ने विश्वविद्यालय द्वारा अर्जित की गई ए प्लस ग्रेड की उपलब्धि को कविता के माध्यम से सभी के सामने रखा।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर / SANJEEV SHARMA

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