Uttrakhand

उत्तराखंड विधानसभा: अनुपूरक बजट सहित आठ विधेयक पेश, सत्र अगले दिन 11 बजे तक के लिए स्थगित

विधानसभा अध्यक्ष ऋतू भूषण खंडूडी।

-सतापक्ष की माकूल तैयारी में विपक्ष के तेवर नरम

देहरादून, 22 अगस्त (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन गुरुवार को पटल पर अनुपूरक बजट सहित दो दिनों में कुल आठ विधेयक सदन के पटल पर रखे गए। सत्तापक्ष की माकूल तैयारी के चलते विपक्ष सदन में हावी नहीं हो पाई। सदन की कार्यवाही 23 अगस्त (शुक्रवार सुबह) 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

सदन की कार्यवाही रात्रि करीब 10 बजकर 22 मिनट पर तक चली। देर रात्रि सदन में राज्य आंदोलनकारियों के आश्रितों के लिए सरकारी नौकरी में 10 प्रतिशत आरक्षण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हुई।

सदन की कार्यवाही अगले दिन शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। प्रश्नकाल से लेकर शून्यकाल तक सत्तापक्ष की तैयारी के सामने विपक्ष हावी नहीं हो पाई। विपक्ष के तेवर सदन में जरूर एकाध मौके पर तीखे दिखे लेकिन सत्ता पक्ष की माकूल रणनीतियों से विपक्ष के आक्रामक रूख नरम पड़ गए।

विपक्ष ने एक शोध रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि देश भर में उत्तराखंड विधानसभा की सबसे कम अवधि है। प्रदेश सरकार की ओर से कहा गया कि सदन को संचालित करने के लिए बिजनेस के आधार पर सत्र की अवधि तय की जाती है।

शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि यह पहली सरकार है जो शत प्रतिशत लेक्चर देने वाले हैं। 14500 एलटी पर कार्यरत हैं। अब नए नियुक्ति वाले को पांच वर्ष दुर्गम क्षेत्र में रखा जाएगा।

संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद ने विधानसभा में नियम 58 पर विपक्ष के भ्रष्टाचार पर उठाए सवालों के जवाब में कहा कि सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा प्रहार किया है। रिश्वत लेने के मामले में अभी तक विजिलेंस ने 10 राजपत्रित अधिकारियों और 58 अराजपत्रित कर्मचारियों सहित 68 लोगों को ट्रैप कर जेल भेजा। भ्रष्ट अफसर, कर्मचारियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है। भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों की सुनवाई को नैनीताल, देहरादून में विशेष जज नियुक्त हैं। भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायत को हेल्पलाइन नंबर पर अभी तक 5971 शिकायतें मिली हैं। इन शिकायतों के सम्बन्ध में ट्रैप की कार्रवाई की गई है।

वहीं,लैंसडाउन विधायक दिलीप सिंह रावत ने अपनी सरकार पर मुखर दिखे। विधानसभा के बाहर पहाड़ों को वन्य जीवों के आतंक से निजात दिलाने की मांग को लेकर धरना दिया गया। उन्‍होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष से वन अधिनियम की समीक्षा के लिए एक दिन का विशेष सत्र आहुत करने का आग्रह किया। साथ ही अपील की कि नर-भक्षी गुलदार को जल्द से जल्द मारने के आदेश दिए जाए और पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजा भी बढ़ाए जाए।

सदन में विधेयक पेश:

-उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1916) संशोधन विधेयक 2024।

-उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959) संशोधन विधेयक 2024।

-उत्तराखंड राज्य विधानसभा विविध संशोधन विधेयक 2024।

-उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950) संशोधन विधेयक

-उत्तराखंड राज्य क्रीड़ा विश्वविद्यालय विधेयक 2024।

-उत्तराखंड कारागार और सुधारात्मक सेवाएं विधेयक 2024

-विनियोग विधेयक 2024।

-उत्तराखंड राज्य विधानसभा विविध संशोधन विधेयक 2024

-उत्तराखंड लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक 2024

(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार / आकाश कुमार राय

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