– मुख्यमंत्री ने 30 लाख तेंदूपत्ता संग्राहकों के खातों में अंतरित की 115 करोड़ रुपये बोनस राशि
– श्योपुर को मिली मेडिकल कॉलेज की सौगात
भोपाल, 22 अगस्त (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विकास का कारवां देश एवं प्रदेश में चल रहा है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में प्रदेश में साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये का बजट पारित किया गया है। हमारे प्रयास है कि हम अगले पांच वर्षों में इसे 7 लाख करोड़ रुपये तक ले जाएंगे। हमारा संकल्प देश और प्रदेश को नंबर एक बनाना है।
मुख्यमंत्री गुरुवार को श्योपुर जिले के कराहल में तेंदूपत्ता संग्राहकों को बोनस वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि श्योपुर-विजयपुर-कराहल क्षेत्र प्राकृतिक दृश्य अत्यंत समृद्ध है, परंतु विकास में अभी तक पिछड़ा हुआ था, अब हम इसे पीछे नहीं रहने देंगे। जनजातीय क्षेत्रों के विकास में भी कोई कमी नहीं रखी जाएगी।
कार्यक्रम में उन्होंने प्रदेश के 30 लाख तेंदूपत्ता संग्राहकों को वर्ष 2023 की 115 करोड़ रुपये की बोनस राशि का वितरण किया। साथ उन्होंने 37 करोड़ 67 लाख रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमि पूजन किया। इनमें 21 करोड़ 28 लाख रुपये के लोकार्पण एवं 16 करोड़ 39 लाख रुपये के शिलान्यास शामिल हैं। उन्होंने अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का वितरण भी किया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारी सरकार अनुसूचित जनजातियों के कल्याण में कोई कमी नहीं रखेगी। आज तेंदूपत्ता संग्राहकों में लगभग 50 फीसदी अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोग शामिल हैं। ये लघु वनोपजों पर ही अपना जीवन यापन करते हैं। इन्हें वनोपज का अधिक से अधिक लाभ दिलाया जाना सुनिश्चित किया जाएगा। प्रदेश में वर्ष 2007 तक तेंदूपत्ता संग्राहकों को 750 रुपये प्रति मानक बोरा दिए जाते थे, जिसे बढ़ाकर अब 4000 रुपये प्रति मानक बोरा निर्धारित किया गया है। आज प्रदेश के 30 लाख तेंदूपत्ता संग्राहकों के 13 लाख परिवारों को 953 रुपये प्रति मानक बोरा की दर से बोनस का वितरण किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि केवल ग्वालियर सर्कल में ही दो करोड़ से अधिक रुपये का बोनस बांटा जा रहा है। तेंदूपत्ता संग्राहकों के शुद्ध लाभ को 50% से बढ़कर 75% किया गया है। प्रदेश में 500 बोरा तक संग्रहण वाली वनोपज समितियां के प्रबंधकों का मानदेय 13000 रुपये से बढ़ाकर 14000 रुपये तथा 500 से 2000 प्रति मानक बोरा तक संग्रहण वाली समितियां के प्रबंधकों के मानदेय को बढ़ाकर 15000 रुपये और जिन समितियों द्वारा 2000 मानक बोरे से अधिक का तेन्दूपत्ता संग्रहण किया जा रहा है उनके प्रबंधकों का मानदेय 15000 रुपये से बढ़ाकर 16000 रुपये प्रतिमाह किया जाएगा। उन्होंने समिति प्रबंधकों के परिवारों को अनुकंपा नियुक्ति और एक लाख उपादान की सुविधा प्रदान करने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में औद्योगीकरण से रोजगार के अवसरों को तेजी से बढ़ाया जा रहा है। हर संभाग में निवेशकों की बैठक आयोजित की जा रही है। गत दिनों प्रदेश में लगभग डेढ़ लाख करोड़ के निवेश को मंजूरी मिली है। प्रदेश में खाद्य प्र-संस्करण उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए भी कार्य किया जा रहा है। प्रदेश में गौ-संवर्धन और गौ-संरक्षण के कार्य किया जा रहे हैं। सरकार ने 10 से अधिक गौ-वंश पालने वाले गौ-पालकों को अनुदान देने का निर्णय लिया है। दुग्ध उत्पादकों को भी बोनस दिया जाएगा। कराहल क्षेत्र गिर गायों के लिए प्रसिद्ध है, यहां गौ-वंश सुधार केंद्र स्थापित किया जाएगा।
उन्होंने वन एवं पर्यावरण मंत्री रामनिवास रावत द्वारा क्षेत्र के विकास के लिए रखी गई विभिन्न मांगों को भी मंजूरी दी। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही श्योपुर को मेडिकल कॉलेज की सौगात मिलेगी और उसका लोकार्पण किया जाएगा। उन्होंने श्योपुर में शबरी माता मंदिर बनाए जाने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नगर पंचायत कराहल का भवन भी शीघ्र तैयार किया जाएगा।
कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि हमारी सरकार बनने के बाद परिवर्तन आया है। विकास की इबारत लिखती सड़कें, प्रधानमंत्री आवास, कुपोषित महिलाओं के 1500 रुपये महीने और सहरिया जाति के विकास के लिये अनेक योजनाएं संचालित की जा रही है। आज मुख्यमंत्री डॉ. यादव को वनमंत्री रावत ने जो कार्यों का ज्ञापन दिया है, वो सभी कार्य मुख्यमंत्री द्वारा पूर्ण कराये जाएंगे। उन्होंने कहा कि कराहल क्षेत्र का स्वर्णकाल है। वनों की रक्षा वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी के साथ क्षेत्र के लोगों का भी दायित्व है। वन क्षेत्र की समस्याओं का हल करने के लिये हमारे अपने रावत को वन विभाग का मुखिया बना दिया है। अब क्षेत्र की छोटी-बड़ी समस्याओं का निदान आप लोग स्वयं कर सकेंगे।
कार्यक्रम में नवीन एवं नवकरणीय तथा श्योपुर जिले के प्रभारी मंत्री राकेश शुक्ला, वन एवं पर्यावरण मंत्री रामनिवास रावत और किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री ऐदल सिंह कंषाना ने भी संबोधित किया।
(Udaipur Kiran) तोमर