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तीन दिन बीत गए! अभी आपदा से नहीं उबर सका उत्तराखंड, मुख्यमंत्री धामी बोले- यात्रियों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता

तीन दिन बीत गए! अभी आपदा से नहीं उबर सका उत्तराखंड, मुख्यमंत्री धामी बोले- यात्रियों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता
तीन दिन बीत गए! अभी आपदा से नहीं उबर सका उत्तराखंड, मुख्यमंत्री धामी बोले- यात्रियों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता
तीन दिन बीत गए! अभी आपदा से नहीं उबर सका उत्तराखंड, मुख्यमंत्री धामी बोले- यात्रियों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता

-मौसम की वजह से रेस्क्यू अभियान में आ रहीं दिक्कतें, धामी खुद कर रहे निगरानी

-अब तक 9099 यात्री सुरक्षित निकाले गए, एक हजार यात्रियों का रेस्क्यू जारी

देहरादून, 03 अगस्त (Udaipur Kiran) । आपदा प्रभावित राज्य उत्तराखंड में गत 31 जुलाई की रात मौसम की ऐसी कहर बरसी कि तीन दिन बाद भी उससे नहीं उबरा जा सका है। शासन-प्रशासन से लेकर पूरा सरकारी तंत्र रेस्क्यू अभियान में जुटा हुआ है, लेकिन मौसम की वजह से रेस्क्यू अभियान में कुछ दिक्कतें आ रही हैं। मौसम जैसे-जैसे साफ हो रहा है, वैसे-वैसे आपदा में फंसे यात्रियों का रेस्क्यू किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। जो यात्री अभी भी रुके हैं, प्रशासन ने उनके रहने और भोजन की पर्याप्त व्यवस्था की है। उनकी जरूरतों का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। मुख्यमंत्री धामी रेस्क्यू अभियान की स्वयं मॉनिटरिंग कर रहे हैं। यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि 31 जुलाई को अतिवृष्टि के चलते केदारनाथ तथा केदारनाथ मार्ग में फंसे यात्रियों का रेस्क्यू अभियान युद्ध स्तर पर जारी है। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीमें मार्ग में फंसे यात्रियों का रेस्क्यू कर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही हैं। अब तक कुल 9099 यात्रियों का रेस्क्यू किया जा चुका है। लगभग एक हजार यात्रियों का रेस्क्यू करने के लिए अभियान जारी है।

आपदा में अब तक 17 की मौत, 10 घायल, एक लापता

31 जुलाई को हुई अतिवृष्टि के कारण 15 लोगों की मृत्यु हुई है। जबकि एक अगस्त को देहरादून के सहसत्रधारा में स्नान करते समय पैर फिसलने से दो लोगों की मौत हुई। इस प्रकार कुल 17 यात्रियों की मृत्यु हुई है। उधर, अलग-अलग स्थानों पर हुए हादसों में 10 लोग घायल हुए हैं और एक व्यक्ति अभी लापता है। जिलावार गौर करें तो टिहरी में तीन, हरिद्वार में चार, देहरादून में छह, चमोली में एक, रुद्रप्रयाग में तीन लोगों की मृत्यु हुई है।

राहत और बचाव कार्य में जुटे 882 कार्मिक

आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव विनोद ने बताया कि राहत और बचाव कार्य में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के साथ वायुसेना के चिनूक तथा एमआई-17 समेत पांच अन्य हेलीकॉप्टर तैनात हैं। एनडीआरएफ के 83 जवान, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ तथा पीआरडी के 168 जवान, पुलिस विभाग के 126, अग्निशमन के 35 कार्मिक अलग-अलग स्थानों पर तैनात हैं। 35 आपदा मित्रों के साथ लोक निर्माण विभाग के माध्यम से कार्यरत 150 मजदूर अवरुद्ध मार्गों को खोलने में लगाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के 12 डाक्टरों के नेतृत्व में 32 कर्मचारी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। राजस्व विभाग के 57, जीएमवीएन के 68, खाद्य विभाग के 27 कर्मचारी संबंधित व्यवस्थाओं को दुरुस्त बनाने में जुटे हैं। इस प्रकार कुल 882 कार्मिक युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्यों में जुटे हैं।

(Udaipur Kiran) / कमलेश्वर शरण / आकाश कुमार राय

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