बांकुड़ा, 3 अगस्त (Udaipur Kiran) ।
दक्षिण बंगाल में बुधवार से लगातार जारी बरसात का कहर बांकुड़ा जिले में भी देखने को मिला। बांकुड़ा(2) ब्लॉक में गंधेश्वरी नदी पर बना पुल टूट जाने से इलाके के तकरीबन दस गांव के लोगों को यातायात में भीषण परेशानी झेलनी पड़ रही है।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार बांकुड़ा से मनकनाली गांव तक पहुंचने का एकमात्र रास्ता मनकनाली गांव के पास गंधेश्वरी नदी पर बना यह पुल है। इसके अलावा करंजोरा, मगरा, सोनार सहित कई गांव के लोग इस पुल से होकर होकर यातायात करते हैं। कुछ साल पहले, मानसून के मौसम के दौरान गंधेश्वरी नदी में बाढ़ आ गई थी। पानी पुल के ऊपर से बहने लगा था। पानी ने पुल को अवरुद्ध कर दिया और संपर्क मार्ग को बहा दिया था जिससे पुल क्षतिग्रस्त हो गया था। तकरीबन साल भर पहले बांकुड़ा जिला परिषद ने पुल निर्माण के लिए करीब सत्तावन लाख रुपये आवंटित किये थे। आवंटित राशि से पुल के क्षतिग्रस्त हिस्से की मरम्मत के साथ संपर्क पथ का भी जीर्णोद्धार कराया गया था। लेकिन पिछले बुधवार से लगातार हो रही बारिश के कारण शुक्रवार को गंधेश्वरी नदी उफान पर आ गई। जलस्तर बढ़ने से शुक्रवार पूरे दिन पुल के ऊपर से पानी तेज गति से बहता रहा। शनिवार को देखा गया कि है कि मनकनाली ब्रिज का पुनर्निर्मित हिस्सा नदी के पानी में बह गया है। इस कारण नदी के उस पार के तकरीबन दस गांवों के लोगों को परेशानी हो रही है। स्थानीय लोगों का दावा है कि बेहद निम्न गुणवत्ता वाली सामग्री का उपयोग कर पुल की मरम्मत के कारण ऐसी समस्या पैदा हुई है।
खबर मिलने के बाद पूर्व केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार और बांकुड़ा के भाजपा विधायक नीलाद्री शेखर दाना ने पुल का दौरा किया। उन्होंने पुल की इस हालत के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने आरोप लगाया कि पुल के मरम्मत कार्यों में हुए भारी भ्रष्टाचार का खामियाजा अब आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। आरोपों को खारिज करते हुए, तृणमूल नेता महाप्रसाद सेनगुप्ता ने दावा किया कि नवीनीकरण के एक साल के भीतर पुल का हिस्सा क्यों जर्जर हो गया, इस बात की जांच की जाएगी और आवश्यक उपाय किए जाएंगे।
(Udaipur Kiran)
(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय / संतोष मधुप