जयपुर, 2 अगस्त (Udaipur Kiran) । भीलवाड़ा जिले की औद्योगिक इकाइयों, विशेषकर कपड़ा उद्योग एवं प्रोसेस हाउस द्वारा फैलाए जा रहे प्रदूषण की रोकथाम के लिए जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति का गठन किया जाएगा। समिति के सदस्यों में जिले के प्रदूषण नियंत्रण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी, जिला उद्योग केंद्र के अधिकारी एवं कृषि विभाग के जिला अधिकारी को शामिल किया जाएगा। समिति द्वारा जनप्रतिनिधियों से भी प्रदूषण निवारण के संबंध में सुझाव लिए जाएंगे और उचित निर्णय लिये जाएंगे। औद्योगिक इकाइयों द्वारा समिति के दिशा निर्देशों का पालन नहीं करने पर राज्य सरकार की ओर से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह बात पर्यावरण राज्य मंत्री संजय शर्मा ने शुक्रवार को विधानसभा में कही। शर्मा प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों पर जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में संचालित विभिन्न कपड़ा उद्योग व प्रोसेस हाउस द्वारा केमिकल युक्त काले पानी का नियमानुसार निस्तारण नहीं किया जा रहा है। इससे पर्यावरण प्रदूषण के साथ ही भूजल भी दूषित हो रहा है। उन्होंने आश्वस्त किया कि भीलवाड़ा जिले में औद्योगिक वेस्ट का नियमानुसार निस्तारण नहीं किये जाने पर सम्बंधित इकाई के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इससे पहले विधायक उदयलाल भडाणा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में पर्यावरण राज्य मंत्री ने सदन को अवगत कराया कि विधान सभा क्षेत्र माण्डल में कपड़ा उद्योग व प्रोसेस हाउस से केमिकल युक्त काले पानी को नदी व नालों में छोड़ने से किसानों की उपजाऊ भूमि बंजर होने के संबंध में कृषकों या कृषक संगठनों द्वारा कोई शिकायत राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल एवं कृषि विभाग को प्राप्त नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल द्वारा सभी कपड़ा उद्योगों को शून्य जल निस्त्राव की शर्त पर ही सम्मति दी गयी है।
(Udaipur Kiran) / रोहित / संदीप