नई टिहरी, 02 अगस्त (Udaipur Kiran) । जनपद के घनसाली क्षेत्र में आई आपदा को लेकर कांग्रेस नेताओं ने कहा कि आपदा में दी जाने वाली राहत राशि के मानकों को बदलने की जरूरत है। वर्तमान में आपदा प्रभावितों को दी जानी वाली राहत राशि कम है। उन्होंने मांग की कि पूरे घनसाली क्षेत्र को आपदाग्रस्त घोषित कर यहां के लिए केदारनाथ की तर्ज पर आपदा के लिए विशेष पैकेज दिया जाए।
जिला मुख्यालय के कांग्रेस कार्यालय में प्रदेश सचिव विजय गुनसोला, प्रदेश प्रवक्ता शांति प्रसाद भट्ट व शहर कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप पंवार ने संयुक्त प्रेस वार्ता में कहा कि घनसाली क्षेत्र में लगातार आपदायें आ रही हैं। आपदा के पिछले रिकार्ड को देखते हुए घनसाली को आपदाग्रस्त क्षेत्र घोषित किया जाना चाहिए। कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि आपदा प्रभावित गावों के विस्थापन का सरकार भरोसा तो देती है, लेकिन विस्थापन नहीं किया जाता है। आपदा ग्रस्त जखन्याली के ग्रामीणों को पूर्व में विस्थापन का भरोसा देकर भुला दिया गया। दोबारा आपदा आने से यहां पर विस्थापन की मांग उठ रही है। उन्होंने कहा कि सरकार तिनगढ़ के पूर्ण विस्थापन के साथ ही अन्य आपदा संभावित व प्रभावित गांवों भिलंग, नैलचामी, कोटी फैगुल, हिंदाव, ग्यारह गांव, गोडगढ़, आरगढ़, ढुमंगदार, केमर क्षेत्रों की नदियों व गाड़-गदेरों के किनारे स्थित कृषि भूमि एवं जो फसलें बही हैं उनका आंकलन कर क्षतिपूर्ति और बची भूमि के बचाने को ठोस सुरक्षा कार्य करवाए जाएं। बाल गंगा व धर्मगंगा के आबादी तटों पर आरसीसी सुरक्षा कार्य करवाये जाएं। आपदा से प्रभावित लोक जीवन विकास भारती संस्थान की सुक्ष्म जल विद्युत परियोजना को पुन:स्थापित कर संस्थान की मदद की जाए। घनसाली में आपदा की गंभीर स्थिति को देखते हुए एनडीआरएफ व व एसडीआरएफ की एक स्थायी टुकड़ी यहां स्थापित की जाए। इस बार के आपदा प्रभावितों को केंद्रीय आपदा निधि से राहत राशि प्रदान की जाए, ताकि प्रभावितों को मदद मिल सके।
(Udaipur Kiran) / प्रदीप डबराल / वीरेन्द्र सिंह