नई दिल्ली, 02 अगस्त (Udaipur Kiran) । शंभू बॉर्डर पर फिलहाल यथास्थिति कायम रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा और पंजाब सरकार से कहा है कि वह किसानों से संवाद के जरिये इस गतिरोध को खत्म करने की दिशा में पहल करें। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने रास्ता बंद होने के चलते लोगों को ही रही दिक्कतों पर चिंता जताई।मामले की अगली सुनवाई 12 अगस्त को होगी।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एक एक्सपर्ट का नाम देने को कहा था, जो सरकार और आंदोलनकारी किसानों से बात कर सके। मेहता ने आग्रह करते हुए कहा कि अभी एक्सपर्ट का नाम फाइनल करने में समय लग रहा है। इसलिए मामले की सुनवाई 9 अगस्त को तय की जाए। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि आप किसानों को क्यों नहीं समझाते, स्थिति को और खराब न करें। आपको उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाने की जरूरत नहीं है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में उन्हें अपनी शिकायत कहने का अधिकार है। इस मामले में दोनों राज्यों को समाधान करना चाहिए।
मेहता ने कहा कि हम किसानों से चर्चा करने और एक समिति गठित करने के लिए तैयार हैं। हमें एक सप्ताह का समय दें। तब जस्टिस सूर्यकांत ने सुझाव दिया कि मेडिकल इमरजेंसी, महिलाओं और छात्रों को शंभू बॉडर के जरिए रास्ता देने पर विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि दोनों राज्य सरकारों को मिलकर काम करना चाहिए और अगर ऐसा नहीं होता तो हम इसमें दखल देंगे। तब मेहता ने कहा कि समाधान ही सीमा को खोलना है। कोर्ट ने कहा मान लीजिए कि अगर कोई एम्बुलेंस या वरिष्ठ नागरिकों को लेकर कोई कार आ रही है और वो पैदल नहीं जा सकते हैं, उन्हें तो रास्ता देना होगा।
दरअसल, 10 जुलाई को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को एक हफ्ते में शंभू बॉर्डर के बैरिकेड खोलने का निर्देश दिया था। हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। हरियाणा सरकार का कहना है कि कानून व्यवस्था की स्थिति के मद्देनजर उसने रास्ता बंद रखा हुआ है। हाई कोर्ट को ऐसा आदेश नहीं देना चाहिए।
(Udaipur Kiran) /संजय
(Udaipur Kiran) पाश / सुनीत निगम