मुरादाबाद, 02 अगस्त (Udaipur Kiran) । सावन मास की शिवरात्रि (शिवतेरस) पर शुक्रवार को सुबह चार बजे से शिवालयों में भगवान आशुतोष का जलाभिषेक और पूजा-अर्चना करने के लिए कांवड़ियों और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। मंदिरों के कपाट खुलते ही शिवालयों में भगवान विश्वनाथ की आरती के बाद पूजा-अर्चना हुई और जलाभिषेक प्रारंभ हो गया। मठ-मंदिरों में दिनभर हर-हर महादेव का जयघोष गूंजा।
सावन मास की त्रयोदशी पर मंदिरों में शिव परिवार पर जल चढ़ाकर जहां भक्तों ने मन्नतें मांगी। वहीं हरिद्वार व बृजघाट से आए कांवड़ियों ने कांवड़ चढ़ाकर अपना संकल्प पूरा किया। जिले के सभी मंदिरों में दोपहर तक भक्तों की लंबी लाइनें लगी रहीं व कांवड़ बेड़ों का भी अवागमन जारी रहा। इस दौरान मंदिर भगवान शंकर के जयघोष से गूंजते रहे। कई स्थानों पर भंडारे आयोजित करके प्रसाद वितरित किया गया।
किसरौल स्थित प्राचीन सिद्धपीठ चौरासी घंटा मंदिर में श्रावण मास की त्रयोदशी पर पर सुबह साढ़े तीन बजे से कांवड़ियों द्वारा जलाभिषेक प्रारंभ हो गया। जैसे-जैसे दिन दिन निकलना शुरू हुआ जलाभिषेक के लिए लोगों की भीड़ उमड़नी प्रारंभ हो गई। श्रद्धालुओं ने प्रेम पूर्वक भगवान शिव की आराधना की। मंदिर के गर्भगृह में शिवलिंग पर जलाभिषेक के साथ-साथ बाहर भगवान शिव की प्रतिमा पर भी विधि विधान से पूजा अर्चना की गई। वहीं नागफनी स्थित प्राचीन सिद्धपीठ झारखंडी शिव मंदिर में रात्रि तीन बजे से कांवड़ियों द्वारा जलाभिषेक प्रारंभ हो गया।
(Udaipur Kiran) / निमित कुमार जयसवाल / दीपक वरुण / मोहित वर्मा