Chhattisgarh

सपने ऐसे हों, जो रात को सोने ना दे : कलेक्टर

कलेक्टर निवास कलेक्टर नम्रता गांधी के साथ में खड़े हुए विद्यार्थी व शिक्षक।

धमतरी, 1 अगस्त (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, शिक्षा विभाग, रेडक्रॉस द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में नवाचार किया जा रहा है। इसके तहत बीते दिनों जिले में जिला प्रशासन, स्वास्थ्य, शिक्षा, रेडक्रास और यूनिसेफ के सहयोग से शासकीय स्कूलों में कार्यशाला सह प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इस दौरान विभिन्न प्रिंटिंग सामग्रियों के जरिए खेल गतिविधि, भावना चक्र, भावनात्मक पाबंदी, भावनाओं को कैसे नियंत्रण करना, किशोरों में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को समझना सहित आत्म जागरुकता और प्रेरणात्मक कहानियों पर आधारित कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रशिक्षण के दौरान इन स्कूलों में विद्यार्थियों को मास्टर ट्रेनर्स के तौर पर चयनित किया गया, जो कि आगामी दिनां में हाईस्कूल, हायर सेकेण्डरी स्कूल और मिडिल स्कूलों सहित पालकों को भी मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की जानकारी देंगे।

कलेक्टर नम्रता गांधी ने एक अगस्त को अपने निवास पर इन 10 स्कूलों के 20 विद्यार्थियों से मिलकर रूबरू चर्चा की और मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम में उनके द्वारा सीखे गए बातों और उनकी पढ़ाई इत्यादि के बारे में पूछा। इन बच्चों में धमतरी विकासखण्ड के डॉ. शोभाराम देवांगन स्कूल, नत्थुजी जगताप नगरनिगम स्कूल सेजेस बठेना, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय संबलपुर, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय देमार, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बिरेतरा, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भोथली, विकासखण्ड कुरूद स्थित सेजेस कुरूद, नगरी विकासखण्ड के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सलोनी और शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कुकरेल के विद्यार्थी शामिल हैं। इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत रोमा श्रीवास्तव, पुलिस अधीक्षक आंजनेय वार्ष्णेय, मानसिक रोग विशेषज्ञ डाॅ. श्रीकांत चन्द्राकर, जिला शिक्षा अधिकारी टीआर जगदल्ले, संबंधित स्कूलों के प्राचार्य, शिक्षकवृंद और अन्य अधिकारी, कर्मचारी तथा विद्यार्थी उपस्थित रहे।

रूबरू कार्यक्रम में कलेक्टर गांधी द्वारा मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम से विद्यार्थियों को मिले फायदे के बारे में पूछने पर डा शोभाराम देवांगन हायर सेकेण्डरी स्कूल के कक्षा 12 वीं विज्ञान विषय के छात्र पुष्पेन्द्र कुमार ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम में उन्हें काफी लाभ मिला है। अब वे परीक्षाओं के दौरान भी तनावमुक्त रहकर सोते हैं और अपनी पढ़ाई पर फोकस करते हैं। छात्र ने कहा कि हम अपने मन की बात को अपने माता, पिता, गुरूजन और साथियों के साथ साझा करेंगे, ताकि मन में किसी तरह की बात ना रहे और हमें घुटन महसूस ना हो। इससे आने वाले विभिन्न परीक्षाओं में सफलता हासिल कर पाएंगे। वहीं हायर सकेण्डरी स्कूल देमार के पुष्पेन्द्र साहू ने बताया कि उन्होंने अपने पिता से अपने मन की बात बताई, जिससे उनका तनाव कम हो गया।

इस अवसर पर कलेक्टर ने कहा कि आप जो पढ़ाई कर रहे हो उसे अपनी जिंदगी में उपयोगी बनाएं। कलेक्टर ने कहा कि जिंदगी में पढ़ाई वेस्ट नहीं होने देती। उन्होंने कहा कि अखबार दुनिया को देखने की खिड़की है। सपने ऐसे हो, जो रात को सोने ना दें, कुछ ऐसा सपना आपने भी देखा होगा। कलेक्टर ने कहा कि मैं हर महीने टास्क बनाती हूं, उन्होंने बच्चों को भी टास्क बनाकर उसे पूरा करने के लिए अभी से जुट जाने कहा। उन्होंने पालकों का भी आह्वान करते हुए कहा कि बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ अन्य गतिविधियों के लिए भी प्रोत्साहित करें और कम अंक आने पर बच्चों पर दबाव नहीं बनाएं, बल्कि उन्हें आगे और मेहनत कर पढ़ाई करने के लिए प्रोत्साहित करें।

सीईओ जिला पंचायत रोमा श्रीवास्तव ने कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ अन्य गतिविधियां जैसे खेल, नृत्य, नाटक, पेंटिंग इत्यादि भी करते रहें। उन्होंने अच्छे दोस्त बनाने सहित महापुरूषों की जीवनी से प्रेरणा लेने कहा। रोमा श्रीवास्तव ने कहा कि मूड नहीं होने पर थोड़ा घूमना-फिरना कर लें और उसके बाद पढ़ाई करें, लेकिन पढ़ाई को नहीं छोड़ना है। पुलिस अधीक्षक आंजनेय वार्ष्णेय ने बच्चों को पूछा कि कोई ऐसी घटनाएं बताएं, जिसका समाधान दूसरों के लिए प्रेरणादायक रहा हो। कार्यक्रम में अन्य विद्यार्थियों के प्रश्नों का जवाब अधिकारियों द्वारा दिया गया और अपने कैरियर के सफर को बच्चों के साथ साझा किया गया।

(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा / चन्द्र नारायण शुक्ल

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