जम्मू, 1 अगस्त (Udaipur Kiran) । योजना, विकास एवं निगरानी विभाग के सचिव एजाज असद ने आज अन्य हितधारकों की उपस्थिति में विश्व बैंक टीम के साथ जेहलम-तवी बाढ़ रिकवरी परियोजना के चल रहे कार्यों को समय पर पूरा करने के लिए आगे की राह के बारे में व्यापक विचार-विमर्श किया। बैठक में प्रिंसिपल जीएमसी श्रीनगर, मुख्य अभियंता आरएंडबी (केंद्रीय), तकनीकी निदेशक जेटीएफआरपी, एसई आरएंडबी, श्रीनगर, कार्यकारी अभियंता ईआरए के अलावा अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। इस बैठक की शुरुआत में सचिव, पीडीएंडएमडी ने विश्व बैंक टीम के सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया, जो पिछले तीन दिनों से यूटी के दौरे पर थे और इसके द्वारा वित्तपोषित परियोजनाओं पर हुई प्रगति का मौके पर आकलन किया।
उन्होंने सदस्यों को आश्वासन दिया कि पहले की गई प्रतिबद्धताओं को अक्षरशः पूरा किया जाएगा। उन्होंने साथ ही क्रियान्वयन एजेंसियों के क्षेत्रीय पदाधिकारियों को कार्य की गति को और तेज करने का निर्देश दिया ताकि इन कार्यों को समय सीमा से पहले पूरा किया जा सके। योजना सचिव ने संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि इस बहु-करोड़ परियोजना के तहत परिकल्पित महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए अधिकांश अप्रयुक्त धनराशि खर्च की जाए क्योंकि ये महत्वपूर्ण प्रकृति के हैं।
उन्होंने जेटीएफआरपी के तहत ली गई कई परियोजनाओं के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक अनुमति, मंजूरी या प्रमाण पत्र प्राप्त करने पर भी जोर दिया। उन्होंने सभी मापदंडों को डब्ल्यूबी दिशानिर्देशों के साथ संरेखित करने का आह्वान किया ताकि इनमें से प्रत्येक कार्य के समापन के संबंध में दोनों के बीच कोई असंगति न हो। एजाज असद ने अन्य महत्वपूर्ण कार्यों पर बचाई गई राशि को खर्च करने के तरीकों और साधनों पर भी चर्चा की। उन्होंने कुछ प्रस्तावों को वास्तविकता में बदलने के लिए टीम की सहायता मांगी क्योंकि ये आपदा न्यूनीकरण या यूटी में दूरदराज के क्षेत्रों की कनेक्टिविटी के लिए अत्यधिक आवश्यक हैं।
इस बैठक के दौरान जिन परियोजनाओं या प्रमुख घटकों पर चर्चा की गई उनमें श्रीनगर में बोन एंड जॉइंट हॉस्पिटल, आपातकालीन संचालन केंद्र, डीवाटरिंग स्टेशन, 04 पुल, एलडी अस्पताल का अतिरिक्त ब्लॉक और अन्य तकनीकी/लेखा परीक्षा मुद्दे शामिल हैं। बैठक में बताया गया कि जेटीएफआरपी के तहत कुल 213 परियोजनाएं शुरू की गई हैं, जिनकी कुल लागत 250 मिलियन अमेरिकी डॉलर है। इनमें से 189 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और 19 परियोजनाएं वर्तमान में प्रगति के विभिन्न चरणों में हैं जिन पर अब तक 179 मिलियन अमेरिकी डॉलर का वित्तीय संवितरण किया जा चुका है। यह भी पता चला कि इन परियोजनाओं में विभिन्न महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाएं, आजीविका पैदा करना और यूटी में लोगों की क्षमता निर्माण शामिल हैं।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा / बलवान सिंह