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अश्लील मैसेज भेजने के आरोपित को जमानत देते हुए अदालत ने तीन महीने सामुदायिक सेवा का आदेश दिया

Delhi High Court.

नई दिल्ली, 01 अगस्त (Udaipur Kiran) । दिल्ली हाई कोर्ट ने महिला को अश्लील मैसेज भेजने के आरोपित को जमानत देते हुए उसे तीन महीने तक अस्पताल, अनाथालय और वृद्धाश्रम में सामुदायिक सेवा करने का आदेश दिया है। जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने कहा कि आरोपित को अपने अपराध का पश्चाताप करना होगा।

कोर्ट ने आरोपित को निर्देश दिया कि वो एक वृद्धाश्रम, लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल और एक अनाथालय में 09 सितंबर से 30 नवंबर के बीच सामुदायिक सेवा करे। इसके अलावा कोर्ट ने आरोपित को अपने इलाके में 50 पेड़ लगाने और उनकी देखभाल करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने आरोपित पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए कहा कि उसे ये जरूर एहसास करना चाहिए कि वो अदालत को हल्के में न ले। वो अपराध करके बच नहीं सकता है। कोर्ट ने जुर्माने की रकम सशस्त्र बल युद्ध हताहत कल्याण कोष में चार हफ्ते के अंदर जमा करने का निर्देश दिया है।

मामला 2014 का है। आरोपित के खिलाफ एक महिला ने अश्लील मैसेज भेजने का आरोप लगाते हुए पुलिस से शिकायत की थी। महिला की शिकायत के आधार पर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 509 और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट की धारा 67ए के तहत एफआईआर दर्ज किया था। आरोपित ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर उसके खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की मांग की थी। आरोपित की ओर से पेश वकील ने कोर्ट को बताया कि शिकायतकर्ता महिला और आरोपित के बीच अप्रैल में समझौता हो गया है। महिला ने हाई कोर्ट को बताया कि उसने अपनी इच्छा से बिना किसी दबाव के आरोपित के साथ समझौता कर लिया है और वो इस मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहती है।

(Udaipur Kiran) /संज

(Udaipur Kiran) पाश / आकाश कुमार राय

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