प्रयागराज, 01 अगस्त (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि जिला विद्यालय निरीक्षक को किसी भी संस्थान की प्रबंध समिति द्वारा तैयार वरिष्ठता सूची में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है।
उत्तर प्रदेश इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम या अन्य किसी विधिक प्रावधान के अनुसार उन्हें संशोधित वरिष्ठता सूची जारी करने और कार्यवाहक प्रधानाचार्य नियुक्त करने का निर्देश देने का अधिकार नहीं है। यह आदेश न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी ने कुंवर रुकुम सिंह वैदिक इंटर कॉलेज और एक अन्य की याचिका पर दिया है।
कॉलेज के प्रबंधक ने प्रवक्ताओं की वरिष्ठता सूची बनाई थी। इस सूची को जिला विद्यालय निरीक्षक बदायूं के 27 मार्च 2024 के आदेश से रद्द कर दिया गया और नई वरिष्ठता सूची जारी करने का निर्देश दिया। जिला विद्यालय निरीक्षक, बदायूं के आदेश की वैधता को चुनौती दी गई।
हाई कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए डीआईओएस के आदेश को रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश इंटरमीडिएट शिक्षा नियमावली के अंतर्गत बनाए गए विनियमों के उपबंधों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। इसके तहत जिला विद्यालय निरीक्षक विद्यालय की प्रबंध समिति की वरिष्ठता सूची में हस्तक्षेप कर सकें या संशोधित करने का निर्देश दे सकें।
(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे / पवन कुमार श्रीवास्तव