बलिया, 01 अगस्त (Udaipur Kiran) । जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने गुरुवार को मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान पांच एसीएमओ सहित 21 कर्मचारी अनुपस्थित मिले। सभी गैर हाजिर कर्मियों से स्पष्टीकरण तलब किया है। इस लचर व्यवस्था के लिए सीएमओ को भी फटकार लगाते हुए सुधार लाने की चेतावनी दी।
जिलाधिकारी के अचानक सीएमओ कार्यालय में पहुंचने पर हड़कम्प मच गया। वहां पहुंचते ही उन्होंने उपस्थिति पंजिका की जांच की। इसमें एसीएमओ डा. पद्मावती, डा. विजय यादव, डा. अशोक कुमार, डा. आनन्द कुमार व डा. योगेंद्र दास के अलावा वरिष्ठ सहायक संतोष श्रीवास्तव, संजीव निगम, गोपाल सिंह, मुन्ना बाबू, मारकण्डेय पाण्डेय, राजेश कुमार, अफसाना खातून व सौरभ माथुर, बीएचडब्ल्यू देवेन्द्र झा, जेई प्रेमचंद गैरहाजिर मिले। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी उमेश कुमार, अमरेंद्र कुमार, ओमप्रकाश रावत, अजय यादव, सुनरी देवी व वार्ड बॉय आशीष सिंह भी अनुपस्थित मिले। सभी को एक हफ्ते के अंदर स्पष्टीकरण तलब किया है।
कर्मचारियों का जारी करें पहचान पत्र
डीएम के सीएमओ कार्यालय पहुंचते ही गैलरी में 15-20 लोग थे, जो उन्हें देख इधर-उधर भागने लगे। इस पर जिलाधिकारी ने सीएमओ को निर्देश दिया कि कार्यालय में काम करने वाले कर्मियों का पहचान पत्र जारी करें। सभी कर्मचारी पहचान पत्र लेकर कार्यालय में रहें, ताकि आम नागरिक व कर्मचारियों की पहचान हो सके।
महंगाई भत्ता देने में देरी पर जताई नाराजगी
निरीक्षण के दौरान लेखा अनुभाग में सीएचसी सोनवानी के वरिष्ठ सहायक भूपेश द्विवेदी के आने का कारण पूछा तो महंगाई भत्ते के भुगतान में देरी करने की बात सामने आई। इस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जताई और सीएमओ को इस आशय का स्पष्टीककरण मांगा कि इस विलम्ब के लिए उत्तरदायी कौन है। पेंशन पत्रावलियों की जांच की तो पटल सहायक सुदामा प्रसाद ने बताया कि पेंशन प्रपत्र पर सीएमओ के हस्ताक्षर के बिना ट्रेजरी में भुगतान के लिए भेजा जाता है। इस पर सवाल करते हुए कहा कि अगर प्रक्रिया सही नहीं है तो इसके लिए जिम्मेदार कर्मी का उत्तरादायित्व निर्धारित करते हुए कार्यवाही करें।
(Udaipur Kiran) / नीतू तिवारी / शरद चंद्र बाजपेयी / मोहित वर्मा