झांसी, 01 अगस्त (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री हरगोविंद कुशवाहा ने कहा कि सदैव अनुशासन में रहकर ही सफलता के चरम को छुआ जा सकता है। जीवन के हर क्षेत्र में आत्म अनुशासन सफलता की सबसे बड़ी कुंजी है। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के गांधी सभागार में गुरुवार को आयोजित कला संकाय के नव प्रवेशित विद्यार्थियों के अभिविन्यास कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में जुटे विद्यार्थियों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए श्री कुशवाहा ने संस्कृत के श्लोक काक चेष्टा, वको ध्यानम, श्वान निद्रा तथैव च, स्वल्पाहारी गृह त्यागी विद्यार्थी पंच लक्षणम का उल्लेख कर विद्यार्थियों के गुणों को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में बीयू का अलग महत्व है। उन्होंने विद्यार्थियों से पूरी निष्ठा और एकाग्रता से अध्ययन कर अपना जीवन संवारने का आह्वान किया। उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय का एक प्रसंग सुनाकर ज्ञान परीक्षण की प्रक्रिया का महत्व समझाया। उन्होंने उम्मीद जताई कि विद्यार्थियों में ज्ञान का प्रकाश होने पर अंधेरे खुद ब खुद दूर हो जाएंगे। उन्होंने गुरु के महत्व को भी समझाया। उन्होंने बुंदेलखंड और उसकी संस्कृति की विशिष्टता का भी उल्लेख किया। महाराज छत्रसाल की एक रचना पेश कर उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि सभी श्रेष्ठ और बुद्धिमान जनों का सदैव सम्मान करें। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कार्यवाहक कुलपति प्रो. एसपी सिंह ने भी विद्यार्थियों से विवि की सुविधाओं का लाभ उठाकर अपना जीवन निखारने का आह्वान किया।
शुरुआत में कला संकाय के अधिष्ठाता प्रो मुन्ना तिवारी ने एक से सात अगस्त तक चलने वाले अभिविन्यास कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने अभिविन्यास कार्यक्रम के महत्व को भी रेखांकित किया। प्रो. तिवारी ने सभी विद्यार्थियों से अभिविन्यास कार्यक्रम में शत प्रतिशत उपस्थिति दर्ज कराने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि प्रथम दिवस अभ्युदय, द्वितीय दिवस अनुभूति, तृतीय दिवस अंतर्दृष्टि, चतुर्थ दिवस अनुगूंज, पंचम दिवस अनुष्ठान, षष्ठम दिवस अंतरावलोकन, सप्तम दिवस समापवर्तन के रूप में आयोजित किया जाएगा।
(Udaipur Kiran) / महेश पटैरिया / शरद चंद्र बाजपेयी / मोहित वर्मा