अजमेर, 31 जुलाई (Udaipur Kiran) । बीते बीस दिनों से पुष्कर के पवित्र सरोवर में दम तोड़ रही मछलियों से सरोवर के घाटों का वातावरण प्रदूषित होने तथा प्रतिदिन आने वाले आस्थावानों की धार्मिक भावना आहत होने के बावजूद जिला एवं उपखंड प्रशासन द्वारा समस्या का समाधान नहीं देने से नाराज तीर्थ पुरोहितों ने जिला कलक्टर को पुष्कर बुलाने की मांग को लेकर विश्व विख्यात ब्रह्मा मंदिर के बाहर धरना प्रदर्शन किया और बुधवार को बाजार प्रतिष्ठान बंद रख कर अपना आक्रोश जाहिर किया।
हिंदुओं के आस्था के केंद्र पुष्कर के पवित्र सरोवर में इन दिनों रोजाना मछलियां मर रही हैं। इससे श्रद्धालुओं का सरोवर के घाटों पर खड़ा होना भी मुश्किल हो रहा है। तीर्थ पुरोहित ट्रस्ट ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए 31 जुलाई को पुष्कर बंद करवाया। ट्रस्ट के कार्यवाहक अध्यक्ष पुष्कर नारायण, विमल पाराशर, गोविंद पाराशर, अरुण पाराशर, ओम प्रकाश पाराशर, संजय पाराशर आदि ने आरोप लगाया है कि प्रशासन ने सरोवर की जो अनदेखी की है, उसकी वजह से मछलियां मर रही हैं। तीर्थ पुरोहितों ने जिला कलेक्टर डॉ. भारती दीक्षित पर भी संवेदनहीनता का आरोप लगाया है। 31 जुलाई को बंद रहने से पुष्कर आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी हुई। वहीं इस मामले में राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत ने दखल दिया है। लखावत ने तीर्थ पुरोहितों को भरोसा दिलाया है कि जल्द ही समस्या का समाधान किया जएगा। लखावत ने इस संबंध में जिला कलेक्टर डॉ. दीक्षित से बात की और आवश्यक निर्देश दिए। लखावत ने कहा कि भविष्य में सरोवर में मछलियां न मरे, इसके लिए स्थाई उपाय किए जाए। लखावत ने हिंदुओं के आस्था के केंद्र पर मछलियों के मरने पर अफसोस प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि उनका प्राधिकरण भी इस मामले में सहयोग करे।
पुष्कर नगर पालिका के अध्यक्ष कमल पाठक ने कहा कि कहा कि पवित्र सरोवर में मछलियां न मरे इसके लिए पालिका प्रशासन पिछले 15 दिनों से प्रयासरत है। सरोवर में ट्यूबवेल के जरिए पानी डाला जा रहा है तथा ऑक्सीजन मिलाया जा रहा है। यहां तक कि चूने का छिड़काव भी किया गया है। पाठक ने कहा कि मछलियों के मरने का प्रमुख कारण सरोवर में चना, ज्वार, मक्का, आटा आदि खाद्य सामग्री डालना है। घाटों पर कुछ लोगों ने इन खाद्य सामग्री की दुकान भी लगा रखी है। सरोवर में खाद्य सामग्री न डाली जाए इसकी चेतावनी भी दी जाती है। पाठक ने कहा कि तीर्थ पुरोहितों की भी जिम्मेदारी है कि वे पवित्र सरोवर में खाद्य सामग्री डालने वालों को रोके। कई बार देखा गया है कि पिंडदान की वजह से आटा भी सरोवर में डाला जाता है। ऐसी खाद्य सामग्री भी मछलियों के लिए जानलेवा साबित होती है। पाठक ने कहा कि प्रति वर्ष इस मौसम में सरोवर में मछलियां मरती है। बरसात से पूर्व पानी का भी अभाव रहता है,जिसकी वजह से ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के बाद भी वे सामाजिक संगठनों के माध्यम से घाटों और सरोवर की सफाई करवा रहे हैं। 31 जुलाई को तो भाजपा के युवा मोर्चे के कार्यकर्ताओं ने भी सफाई का काम किया। पाठक ने कहा कि मछलियों के प्रकरण में जिला प्रशासन का भी पूर्ण सहयोग मिल रहा है। हालांकि अब हालात में तेजी से सुधार हो गया है और मछलियां भी बहुत कम मर रही है।
उपखंड अधिकारी निखिल कुमार पौद्दार ने बताया कि सरोवर में पानी के अधिक तापमान एवं ऑक्सीजन की कमी से मर रही मछलियों को बचाने के लिए प्रशासन प्रयासरत है। समस्या में पहले की तुलना में 70 से 80 प्रतिशत तक सुधार आया है। तथा प्रशासन उक्त समस्या समाधान के लिए प्रयास निरंतर किये जा रहे है। जिसमें ऑक्सीजन प्लांट से लगातार ऑक्सीजन सप्लाई की जा रही है, ताजा पानी हेतु 5 ट्यूबवेल लगातार चल रहे हैं, समय समय पर चूना सरोवर में डाला जा रहा है, 4 एरिनेटर (फाउंटेन) चल रहे है, सफाई कर्मचारियों द्वारा घाटों की सफाई की जा रही है, घाट पर दाना बेचने वालों पर जब्ती की कार्रवाई की जा रही है और जल्द ही 4 एयरेटर और लगाए जा रहे है।
पुष्कर सरोवर की दुर्दशा को लेकर जिला कलेक्टर डॉ भारती दीक्षित ने तीर्थ पुरोहितों के शिष्टमंडल के साथ जिला कलेक्टर कार्यालय में आयाेजित बैठक में कहा की पुष्कर सरोवर में मर रही मछलियों के बचाव के प्रयास किए जा रहे है। पुष्कर की जो भी समस्या हो उसका शीघ्र ही समाधान किया जा रहा है। पुष्कर सरोवर का जल स्वच्छ रहे यही हमारी प्राथमिकता है।
राजस्थान पर्यटन विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह राठौड़ ने भी पुष्कर सरोवर में मछलियों के मरने पर चिंता जताई। उन्होंने प्रशासन व जनप्रतिनिधियों से अपील करते हुए कहा कि जिला प्रशासन व क्षेत्रीय विधायक सुरेश सिंह उक्त ज्वलंत समस्या का जल्द ही पूर्ण रूप से समाधान करे। वहीं उन्होंने पुरोहितों से भी लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन करने का आग्रह किया। बताया कि गत 22 जुलाई को भी उन्होंने सरोवर में दम तोड़ रही मछलियों के प्राण बचाने के लिए अपील की थी लेकिन अभी तक समस्या जस की तस बनी हुई।
(Udaipur Kiran) / संतोष / संदीप