RAJASTHAN

कोचिंग-लाइब्रेरी संचालकों को 15 दिन की चेतावनी, सख्त कार्रवाई की चेतावनी

कोचिंग सेंटर को सील कर दिया गया

जयपुर, 31 जुलाई (Udaipur Kiran) । दिल्ली में कोचिंग सेंटर हादसे के बाद भजनलाल सरकार अलर्ट मोड में आ गई है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने साफ कहा है कि नियमों की अनदेखी करने वाली संस्थाओं-व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। सरकार ने कोचिंग-लाइब्रेरी संचालकों को 15 दिन की चेतावनी दी है। इसके बाद सर्वे कराकर इनकी जांच कराई जाएगी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने ट्वीट कर दिल्ली में हुई घटना पर खेद जताते हुए राजस्थान में नियमों का उल्लंघन करने वाले संस्थानों और संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

डीएलबी ने भी बिल्डिंग बायलॉज के नियमों को लागू कराने को लेकर मंगलवार को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। तय समय (15 दिन) में भी हालात नहीं सुधरे तो संबंधित संस्थानों को सील किया जाएगा।

मंगलवार दोपहर नगर निगम ग्रेटर की मेयर सौम्या गुर्जर अचानक गोपालपुरा बाइपास स्थित कोचिंग सेंटर का निरीक्षण करने पहुंचीं थीं। क्लासरूम से लेकर बेसमेंट और अन्य सेक्शन को देखा था। फायर एनओसी नहीं मिलने के कारण गुरुकृपा और कलाम कोचिंग सेंटर को सील कर दिया गया था। साथ ही मानसरोवर जोन उपायुक्त और फायर उपायुक्त को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। कलाम कोचिंग के हॉल में 800 से ज्यादा बच्चे बैठे थे। हॉल में आने-जाने के लिए एक ही गेट था। कोई इमरजेंसी गेट नहीं था। कोटा के मुख्य अग्निशमन अधिकारी राकेश व्यास ने बताया- शहर के जवाहर नगर, दादाबाड़ी, लैंडमार्क एरिया और कोरल पार्क में मंगलवार को चेकिंग की गई थी। ​​बेसमेंट में बिना परमिशन के लाइब्रेरी का संचालन किया जा रहा था। यहां किसी तरह की गाइडलाइन का भी पालन नहीं हो रहा था। बेसमेंट में चल रही ऐसी 22 लाइब्रेरी को सील किया गया है।

नियमानुसार मल्टी स्टोरी और हाईराइज बिल्डिंग में ऊपरी मंजिलों तक पहुंचने और बाहर जाने के लिए मुख्य और वैकल्पिक रास्ते (सीढ़ियों) के अलावा बेसमेंट के लिए भी वैकल्पिक रास्ता होना जरूरी है। कॉमर्शियल इस्तेमाल होने पर बेसमेंट और ग्राउंड फ्लोर पर निकास के लिए 15 मीटर से अधिक न चलना पड़े। अगर वहां फायर इक्विपमेंट लगे हुए हैं तो निकास के रास्ते को 22.5 मीटर तक लंबा रखा जा सकता है। बेसमेंट में किसी भी तरह के ज्वलनशील और हानिकारक पदार्थ को स्टोर नहीं किया जा सकेगा। अग्निशमन सुरक्षा के लिए एनबीसी (नेशनल बिल्डिंग कोड ऑफ इंडिया) के प्रावधानों का पालन करते हुए स्थानीय निकाय के अग्निशमन अधिकारी की ओर से कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स, सिनेमा हॉल, मल्टीप्लेक्स, शैक्षणिक और हॉस्पिटल के भवन, कोचिंग सेंटर, हॉस्टल (छात्रावास), होटल, रेस्टोरेंट, ऑडिटोरियम (सभागार) का नियमित निरीक्षण कर नियमों को सख्ती से लागू कराया जाए।

प्रदेशभर में जहां भी निरीक्षण के दौरान अग्निशमन सुरक्षा में कमी या फिर लापरवाही पाई जाती है तो अग्निशमन अधिकारी 15 दिन में बदहाल व्यवस्था को सुधारने का नोटिस जारी करें। अगर इसके बाद भी अग्निशमन सुरक्षा में कमी पाई गई तो संबंधित बिल्डिंग (भवन) को सील किया जाएगा। प्रदेशभर में जहां पर भी बेसमेंट में कॉमर्शियल गतिविधियां कोचिंग सेंटर, लाइब्रेरी का संचालन किया जा रहा है, वहां हवा और पानी के निकास की पुख्ता व्यवस्था होनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है, तो संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। आवासीय क्षेत्र में ज्वलनशील पदार्थ का स्टोरेज और कॉमर्शियल एक्टिविटी का संचालन पूरी तरह से बंद करवाया जाएगा।

(Udaipur Kiran) / रोहित

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