जम्मू, 30 जुलाई (Udaipur Kiran) । भाजपा ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष सुनील प्रजापति ने जम्मू-कश्मीर के दौरे पर आये राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग, एनसीबीसी के अध्यक्ष हंसराज गंगाराम अहीर से मुलाकात की। श्रीनगर के एमए रोड बैंक्वेट हॉल में जम्मू-कश्मीर यूटी सरकार द्वारा आयोजित इस बैठक का उद्देश्य क्षेत्र में ओबीसी समुदाय को प्रभावित करने वाले लंबित मुद्दों को संबोधित करना था।
प्रजापति ने अपनी टीम के साथ अहीर का फूलों का गुलदस्ता भेंट कर स्वागत किया और फिर कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए। इस अवसर पर प्रमुख सचिव शिक्षा, आयुक्त सचिव समाज कल्याण विभाग शीतल नंदा, प्रमुख आयुक्त सचिव जीएडी संजीव वर्मा और सचिव स्वास्थ्य आबिद हुसैन सहित प्रमुख अधिकारी भी मौजूद थे।
प्रजापति ने ओबीसी प्रमाण पत्र जारी करने में विसंगतियों विशेष रूप से क्रीमी लेयर के लिए आय सीमा मानदंड पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर में मौजूदा नियम केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप नहीं हैं जो गैर-राजपत्रित सरकारी कर्मचारियों (समूह 2 और 3) को क्रीमी लेयर से बाहर रखते हैं। उन्होंने ओबीसी प्रमाणपत्रों के निष्पक्ष जारीकरण को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार के मानदंडों को अपनाने का आह्वान किया।
इसके अतिरिक्त प्रजापति ने केंद्रीय ओबीसी सूची से नाई, कुम्हार, तेली और धोबी जैसी कुछ जातियों के लिए केवल ग्रामीण पदनाम को हटाने का अनुरोध किया जो राज्य ओबीसी सूची में पहले से ही किया गया बदलाव है। उन्होंने केंद्रीय ओबीसी सूची में जम्मू-कश्मीर द्वारा मान्यता प्राप्त 41 ओबीसी जातियों को शामिल करने का भी आग्रह किया क्योंकि वर्तमान सूची में केवल 24 जातियों को ही स्वीकार किया गया है।
प्रजापति ने समुदाय के 40 प्रतिशत जनसंख्या अनुपात को बेहतर ढंग से दर्शाने के लिए जम्मू-कश्मीर में ओबीसी आरक्षण प्रतिशत बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया जो वर्तमान में 8 प्रतिशत है। उन्होंने ओबीसी छात्रों के लिए प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति को बहाल करने का भी आह्वान किया जिसे 2020 से रोक दिया गया है जिससे गरीब परिवारों को काफी कठिनाई हो रही है।
कोट भलवाल में ओबीसी छात्रावास भवन का अधूरा निर्माण जो 2017 से निर्माणाधीन है के बारे में भी चिंता व्यक्त की गई। प्रजापति ने इस परियोजना को पूरा करने और केंद्र शासित प्रदेश के प्रत्येक जिले में एक छात्रावास स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया। बैठक में जम्मू और कश्मीर में ओबीसी समुदाय के लिए न्याय और समान व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए इन मुद्दों को संबोधित करने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया गया।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा / बलवान सिंह