Chhattisgarh

उद्योगों को लगभग 750 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष का आश्चर्यजनक रूप से अतिरिक्त लाभ दिया गया था-राज्य विद्युत नियामक आयोग

उद्योगों को लगभग 750 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष का आश्चर्यजनक रूप से अतिरिक्त लाभ दिया गया था-राज्य विद्युत नियामक आयोग

रायपुर, 30 जुलाई (Udaipur Kiran) ।एक तरफ जहां छत्तीसगढ़ में बढ़े हुए बिजली बिल के खिलाफ स्टील उद्योंगों ने लगभग 150 मिनी स्‍टील प्‍लांट और 50 अन्‍य स्पंज आयरन प्लांट बंद कर दिया है।वहीं राज्य विद्युत नियामक आयोग ने पिछले चार साल के खपत आधारित ऊर्जा प्रभार में छूट पर हुई बढ़ोतरी का आंकड़ा जारी किया है।आयोग ने कहा है कि इन उद्योगों को लगभग 750 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष का अतिरिक्त लाभ दिया गया था।लोह उद्योग के हड़ताल का कोई व्यापक असर नहीं लिखा है।

विद्युत नियामक आयोग ने आज इसे लेकर आंकड़े जारी किये हैं।आंकड़े के मुताबिक, छत्तीसगढ़ के उच्चदाब स्टील उद्योगों को 4 वर्ष पहले अचानक खपत आधारित ऊर्जा प्रभार में दी जाने वाली छूट 8 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दी गई थी। जिससे इन उद्योगों को एकदम से 68 प्रतिशत का लाभ मिलने लगा था। वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा अज्ञात कारणों से आश्चर्यजनक रूप से अचानक बढ़ाई गई छूट को ही न्यायोचित रूप से कम किया गया है। इससे उच्चदाब स्टील उद्योगों को मिलने वाला अतिरिक्त फायदा कम हो गया है।

बताया गया है कि पूर्व में वर्ष 2021-22 में टैरिफ आदेश जारी करते समय लोड फैक्टर छूट अधिकतम 8 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया था। जबकि पॉवर कंपनी द्वारा इस प्रकार का कोई भी प्रस्ताव नियामक आयोग को नहीं भेजा गया था। इस तरह विगत माह छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा की गई तार्किक कार्यवाही के बावजूद लोड फैक्टर पर मिलने वाली अधिकतम छूट (पॉवर फैक्टर इन्सेन्टिव ) को 25 प्रतिशत से घटा कर 10 प्रतिशत किया गया है।

ज्ञात हो कि वर्ष 2021-22 में जो अधिकतम छूट 8 प्रतिशत मिल रही थी उसकी तुलना में भी 2 प्रतिशत अधिक छूट इन उद्योगों को अभी मिल रही है। जिससे किसी भी तरह से अनुचित नहीं कहा जा सकता।चार वर्ष पूर्व छूट की दर 8 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने के कारण इन उद्योगों को मिलने वाली औसतन वार्षिक छूट लगभग 300 करोड़ रुपये से बढ़कर लगभग 1100 करोड़ रुपये हो गई थी।इस तरह इन उद्योगों को लगभग 750 करोड़ रूपये प्रतिवर्ष का अतिरिक्त लाभ दिया गया था।

वहीं पावर कंपनी द्वारा प्राप्त आंकड़ों के अनुसार लोह उद्योग के हड़ताल का कोई व्यापक असर नहीं लिखा है। उरला तथा सिलतरा उपकेंद्र पर आम दिनों में लगभग 600 मेगावाट विद्युत भार रहता है। दोनों यूपी केंद्र में एक तिहाई विद्युत भार में काम आई है। जबकि प्रदेश में अन्य किसी विद्युत उपकेंद्र में विद्युत भार में कोई कमी नहीं पाई गई है।220 एवं 132 केव्ही पर जुड़े विद्युत भार में कोई कमी देखी गई। प्रदेश में विगत दो दिनों में 28 एवं 29 जुलाई की रात 8:00 बजे से लेकर सुबह 8:00 बजे तक विद्युत भार 4137 मेगावाट से 4253 मेगावाट रहा ।जबकि 29 एवं 30 जुलाई की रात 8 बजे से रात 8बजे तक विद्युत प्रवाह 4338 मेगावाट से 4398 मेगावाट तक पहुंचा है।

(Udaipur Kiran) / केशव केदारनाथ शर्मा / गायत्री प्रसाद धीवर

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