Assam

पूसीरे सौर ऊर्जा संयंत्रों के माध्यम से अक्षय ऊर्जा के उपयोग को दे रहा बढ़ावा

पूर्वोत्तर सीमा रेलवे, सौर ऊर्जा
पूर्वोत्तर सीमा रेलवे, सौर ऊर्जा
पूर्वोत्तर सीमा रेलवे, सौर ऊर्जा

– 6764 केडब्ल्यूपी के उत्पादन से 97.9 लाख रुपये की बचत

गुवाहाटी, 30 जुलाई (Udaipur Kiran) । भारतीय रेल की नीति के अनुरूप पूर्वोत्तर सीमा रेलवे (पूसीरे) वर्ष 2030 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में निरंतर अग्रसर है। जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को और अधिक कम करने के प्रयास में पूसीरे इस जोन के सेवा भवनों एवं अन्य प्रतिष्ठानों में रूफ-टॉप सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर अधिक से अधिक हरित ऊर्जा के उत्पादन के लिए विभिन्न प्रकार के कदम उठा रही है। अक्षय ऊर्जा के माध्यम से ऊर्जा की मांग को पूरा करने के लिए, पूसीरे ने अक्षय स्रोतों से 1.45 मिलियन यूनिट ऊर्जा उत्पन्न की है, जिसके परिणामस्वरूप चालू वर्ष के अप्रैल-जून के दौरान 97.9 लाख रुपये (लगभग) की बचत हुई है। नॉन-ट्रैक्शन ऊर्जा खपत के लिए बेहतर पावर फैक्टर, समय पर भुगतान करने पर छूट आदि के कारण पूसीरे अप्रैल से जून माह तक 66.7 लाख रुपये (लगभग) की बचत भी की है।

‘गो-ग्रीन’ मिशन के तहत, पूसीरे के अधीन विभिन्न स्टेशनों और अन्य सेवा भवनों में स्थापित सौर रूफ टॉप पैनलों द्वारा जून, 2024 तक 6764 किलोवाट पीक (केडब्ल्यूपी) संचयी बिजली पैदा की गई। कटिहार, अलीपुरद्वार, रंगिया, लमडिंग और तिनसुकिया मंडलों द्वारा अपने उपयोग के लिए क्रमशः 610 केडब्ल्यूपी, 381 केडब्ल्यूपी, 1066 केडब्ल्यूपी, 1020 केडब्ल्यूपी और 190 केडब्ल्यूपी सौर ऊर्जा की क्षमता वाली यूनिट स्थापित की गई है। पूसीरे के मुख्यालय परिसर और गुवाहाटी उप-मंडल में संयुक्त क्षमता की 1497 केडब्ल्यूपी यूनिट स्थापित की गई है। न्यू बंगाईगांव और डिब्रूगढ़ के दो कारखानों में भी 1000-1000 केडब्ल्यूपी क्षमता के संयंत्र स्थापित किए गए हैं।

अप्रैल से जून माह की अवधि के दौरान, पूसीरे के क्षेत्राधिकार के अधीन असम और त्रिपुरा के 24 स्टेशनों और अन्य क्षेत्रीय कार्यालय भवनों में सौर रूफ टॉप पैनल लगाए गए हैं, जिससे 642 केडब्ल्यूपी बिजली उत्पन्न हुए। लमडिंग मंडल के उदयपुर और रंगिया मंडल के बामुणीगांव, आजरा, गहपुर, बरपेटा रोड, दुधनोई और कृष्णाई आदि जैसे प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर सौर पैनल लगाए गए हैं। इसके अलावा, अप्रैल-जून माह के दौरान पूरे जोन में 2100 बीएलडीसी पंखे लगाए गए हैं, जो स्टैंडर्ड इंडक्शन मोटर के बजाय ब्रशलेस मोटर्स का उपयोग करते हैं। इसके परिणामस्वरूप प्रत्येक सीलिंग पंखे पर 32 वाट की बचत हुई है। इसके परिणामस्वरूप 67200 वाट और 806 यूनिट (लगभग) ऊर्जा खपत की बचत हुई है। पूसीरे की योजना सभी संभावित स्टेशन भवनों, सेवा एवं कार्यालय भवन, आवासीय भवनों और एलसी गेटों पर सौर संयंत्र स्थापित करने की है।

पूसीरे अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा के अधिकतम उपयोग हेतु प्रतिबद्ध है। इससे स्टेशनों और अन्य सेवा भवनों के रोजमर्रा की बिजली जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी। पर्यावरण के अनुकूल होने के अलावा, इससे रेलवे के अत्यधिक व्यय और देश की विदेशी मुद्रा की बचत होती है।

(Udaipur Kiran) / अरविन्द राय / प्रभात मिश्रा

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