मीरजापुर, 29 जुलाई (Udaipur Kiran) । रुफटाप रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से जल को सहेजने की निरंतर कवायद चल रही है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में जिले के 43 सरकारी और अर्द्ध सरकारी भवनों पर रुफटाप रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाया जाएगा। जल के संरक्षण के लिए इस वर्ष एक करोड़ 20 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। साथ ही लोगों को जल संरक्षण के लिए प्रेरित भी किया जाएगा।
भूगर्भ जल विभाग के सीनियर जियोफिजिसिस्ट स्वप्निल कुमार राय ने बताया कि जियोफिजिकल सर्वे के अनुसार पोस्ट मानसून 2022 के सापेक्ष 2023 में थोड़ी राहत है। कारण 7.03 से बढ़कर 9.45 मीटर पहुंच गया है। वहीं प्री मानसून 10.99 से बढ़कर 11.31 तक हो गया है। प्री मानसून 2024 के लिए 15 जून तक मापन के बाद 12.16 मीटर दर्ज की गई है। अर्थात 2.71 मीटर की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। जनपद का विकास खंड मझवां क्रिटिकल, सिटी, छानबे और सीखड़ सेमी क्रिटिकल जोन में हैं। वहीं कोन ब्लाक में ओवर एक्प्लोटेट की श्रेणी में रखा गया है।
लघु सिंचाई विभाग के एई मुरारी यादव ने बताया कि लघु सिंचाई विभाग की ओर वित्तीय वर्ष 2024-25 में 43 सरकारी और अर्द्ध सरकारी भवनों पर रुफटाप रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाने का लक्ष्य रखा गया है। योजना के तहत इस वर्ष विकास खंड सिटी, कोन और मझवा में लगेगा। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण को लेकर अगर अब भी हम न चेते तो आने वाले दिनों में पेयजल समस्या का सामना करना पड़ेगा। भावी पीढ़ी को पेयजल के संकट से नहीं जूझना पड़े, इसके लिए लोगों को जल के संरक्षण के लिए जागरुक किया जा रहा है। साथ ही जल संरक्षण के लिए रुफ टाप रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है।
(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा / शरद चंद्र बाजपेयी / राजेश