-हाई कोर्ट ने कहा, अधिक उम्र व स्वास्थ्य को देखते हुए नहीं कर रहे अवमानना कार्यवाही
प्रयागराज, 30 जुलाई (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दो वरिष्ठ अधिवक्ताओं सहित जिला जजों एवं अन्य जजों पर अनर्गल आरोप लगा पुनर्विचार अर्जी दाखिल करने वाले कानपुर नगर के 77 वर्षीय याची रणधीर कुमार पाण्डेय की आयु एवं स्वास्थ्य को देखते हुए अवमानना कार्रवाई करने के बजाय उन पर एक लाख रुपये का हर्जाना लगाया। यह राशि उन्हें महानिबंधक के समक्ष 15 दिन में जमा करने का निर्देश दिया है।
हाई कोर्ट ने कहा कि यह राशि जमा न करने पर जिलाधिकारी को सूचित किया जाय ताकि वह वसूली कर राशि जमा करायें। यह राशि हाई कोर्ट विधिक सेवा समिति के खाते में जमा होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने रणधीर कुमार पाण्डेय की अर्जी पर दिया है।
याची 1950 से किरायेदार है। मकान मालिक पुरुषोत्तम दास महेश्वरी व याची के बीच किरायेदारी विवाद दाखिल हुआ। जिसे स्वीकार कर लिया गया। अपील खारिज हो गई तो याचिका दायर की गई। केस रिमांड कर दिया गया। अपील फिर से खारिज कर दी गई तो याचिका दायर की गई। बहस के दौरान याची के वरिष्ठ वकील व कनिष्ठ वकील द्वारा मेरिट पर लड़ने के बजाय विवादित स्थल एक साल में खाली करने का समय मांगे जाने पर याचिका निस्तारित कर दी गई। इसके बाद याची ने यह पुनर्विचार अर्जी दाखिल कर अपने वकीलों के खिलाफ गम्भीर आरोप लगाये और कहा वकील द्वारा मकान खाली करने का बयान उनके कहने पर नहीं दिया गया है। अन्य गम्भीर आरोप भी लगाए।
कोर्ट को बताया गया कि अपील पर भी जिला जज व अन्य जजों पर याची ने गम्भीर आरोप लगाये हैं और अदालत को बदनाम करने का प्रयास किया है। एक वरिष्ठ वकील ने कहा कि याची के दुराचरण के कारण उन्होंने केस लड़ने से स्वयं को अलग कर लिया था। कोर्ट ने कहा कि याची के उम्र व स्वास्थ्य को देखते हुए उसके खिलाफ न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग करने के लिए अवमानना कार्यवाही नहीं कर रहे। किंतु कोर्ट ने एक लाख रुपये का हर्जाना लगाया है।
(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे / पवन कुमार श्रीवास्तव