मुरादाबाद, 30 जुलाई (Udaipur Kiran) । भारत सरकार लोको रनिंग क्रू की कार्य स्थितियों में सुधार के लिए कदम उठा रही है और पहल कर रही हैं। लोको पायलट भारतीय रेलवे परिवार के महत्वपूर्ण सदस्य हैं, जो यात्री और माल यातायात को सुरक्षित और कुशल तरीके से पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारतीय रेलवे लोको पायलटों के लिए उचित कार्य परिस्थितियाँ सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उत्तर रेलवे के मुरादाबाद रेल मंडल में वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक आदित्य गुप्ता ने बताया कि लोको पायलटों को निरंतर श्रेणी के अंतर्गत वर्गीकृत किया जाता है। रेलवे कानून, 1989 की धारा 132 (2) निरंतर श्रेणी के तहत काम करने वाले कर्मचारियों के लिए चौदह दिन की दो-साप्ताहिक अवधि में औसतन 54 घंटे की ड्यूटी निर्धारित करती है।
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक आदित्य गुप्ता ने बताया कि कार्य के घंटे और आराम की अवधि (एचओईआर), 2005 के नियम 8 में लोको पायलटों के लिए प्रति सप्ताह चौदह दिनों की दो-साप्ताहिक अवधि में औसतन 52 घंटे की ड्यूटी के दिशा-निर्देश दिए गए हैं, यानी ड्यूटी के घंटे भारतीय रेलवे पर अन्य निरंतर श्रेणी के कर्मचारियों के लिए अधिकतम 54 घंटे से कम हैं। लोको पायलटों को रेलवे कानून, 1989 की धारा 132 में निर्दिष्ट दरों के अनुसार अतिरिक्त कार्य घंटों के लिए मुआवजा भी दिया जाता है।
(Udaipur Kiran) / निमित कुमार जयसवाल / शरद चंद्र बाजपेयी / मोहित वर्मा