जयपुर, 30 जुलाई (Udaipur Kiran) । उद्योग राज्य मंत्री केके विश्नोई ने मंगलवार को विधानसभा में बताया कि राज्य सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत शिविर लगाकर फसल बीमा पॉलिसियों का वितरण किया गया है।
उद्योग राज्य मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का कृषि मंत्री की ओर से जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि शेरगढ़ विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ-2022 में एक हजार 842 शिकायतें प्राप्त हुईं। इनमें से सही पाई गई 120 शिकायतों का निस्तारण कर एक करोड़ 85 हजार का भुगतान किया गया। इससे पहले विधायक बाबूसिंह राठौड़ के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में उद्योग राज्य मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत शेरगढ़ विधान सभा क्षेत्र के लिये वर्ष 2022-23 के खरीफ एवं रबी मौसम सत्रों हेतु 30 हजार 433 फसल बीमा पॉलिसी धारक पात्र कृषकों को 17.34 करोड रूपये का बीमा क्लेम जारी किया गया। इसी प्रकार वर्ष 2023-24 के खरीफ मौसम सत्र के लिये 31 हजार 829 फसल बीमा पॉलिसी धारक पात्र कृषकों को 13.59 करोड रूपये के बीमा क्लेम का भुगतान अविवादित प्रकरणों के संदर्भ में बीमा कंपनी द्वारा योजना प्रावधानों के अंतर्गत जारी किया गया है।
उन्होंने बताया कि खरीफ 2023 के 2 हजार 48 फसल बीमा पॉलिसियों पर 1.5 करोड रू का बीमा क्लेम खाता अथवा आधार सत्यापित ना होने तथा नेफ्ट बाउन्स होने के कारण लंबित है। रबी 2023-24 का बीमा क्लेम राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल के माध्यम से गणनाधीन है। उद्योग राज्य मंत्री ने बताया कि केन्द्र सरकार से प्राप्त निर्देशों के क्रम में वैकल्पिक खातों में बीमा क्लेम वितरित करने के लिए बीमा कंपनियों एवं जिलों को निर्दिष्ट किया गया है। बकाया बीमा क्लेम शीघ्र ही बीमा कंपनियों के माध्यम से वितरित कराये जायेंगे। बीमा कंपनी को दूरभाष पर फसल कटाई प्रयोग सहपर्यवेक्षण हेतु दी गई सूचना मान्य है। वर्ष 2023-24 के खरीफ मौसम सत्र के लिये राज्य में अधिसूचित की गई 14 फसलों के अंतर्गत बीमा क्लेम का भुगतान सैटेलाइट आधारित उपज परिणाम के आधार पर ना किया जाकर फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त उपज परिणामों के आधार पर किया गया है।
विश्नोई ने बताया कि राज्य सरकार बीमा कम्पनी द्वारा उपलब्ध कराये गये बीमा क्लेम के विवरण का रेण्डम आधार पर परीक्षण करती है। साथ ही भारत सरकार के महालेखाकार दल द्वारा नियमित रूप से फसल बीमा योजना की ऑडिट की जाती है। उन्होंने वर्ष 2022-23 की ऑडिट रिपोर्ट सदन के पटल पर रखी।
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(Udaipur Kiran) / रोहित