Haryana

सिरसा: यूक्रेन युद्ध में रवि की मौत से सरकार के रोजगार सृजन के वादे की हकीकत सामने आयी: कुमारी सैलजा

कुमारी सैलजा

सिरसा, 30 जुलाई (Udaipur Kiran) । यह अत्यंत दु:खद है कि कैथल के बेटे रवि को बेरोजगारी के चलते अपने देश को छोड़कर रूस की सेना में नौकरी करनी पड़ी और यूक्रेन युद्ध में जान गंवा दी। हरियाणा व देश के हर हिस्से से लगातार आ रही खबरें सरकार के रोजगार सृजन के वादे व प्रयासों की सच्चाई उजागर कर रही है। कांग्रेस की हरियाणा में सरकार बनने के बाद हम प्राथमिकता से यह सुनिश्चित करेंगे कि रोजगार की तलाश में प्रदेश के किसी भी युवा को देश छोड़कर न जाना पड़े।

मंगलवार काे मीडिया को जारी बयान में सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि कैथल जिले के मटौर गांव निवासी 22 वर्षीय रवि की रूस में मौत के बाद परिवार शव को लाने के लिए सरकार से गुहार लगा रहा है। दूसरी ओर अभी भी गांव के पांच अन्य युवाओं का पता नहीं लग रहा है। पिछले साल ही इन छह युवाओं को एजेंट ने अच्छी नौकरी का प्रलोभन देकर रूस भेज दिया था। वहां पर सेना में सफाई का काम इन्हें मिला लेकिन बाद में परिजनों का कहना है कि इन्हें रूस-यूक्रेन युद्ध में झोंक दिया गया। रवि के परिजनों ने भारत सरकार और प्रशासन से उसका शव गांव लाने की गुहार लगाई है।

उन्होंने कहा कि मार्च के महीने में रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान इनमें से एक युवक साहिल के पैर में गोली लगने की सूचना परिजनों को हुई। वहां के एक अस्पताल में जब वह भर्ती था तो गोली लगने का खुलासा मेडिकल रिपोर्ट से हुआ था। परिजनों का कहना था कि साहिल को सामान लाेड करने का काम दिया गया था, लेकिन कुछ दिन का प्रशिक्षण देने के बाद उसे जबरदस्ती यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में उतार दिया। परेशान परिजनों ने सरकार से युवाओं को जल्द से जल्द वापस स्वदेश लाने की गुहार लगाई। राजनीति आरोप-प्रत्यारोप के भी दौर चले लेकिन फिर शांत हो गया।

उन्होंने कहा कि इसी साल की फरवरी माह में एक्स (ट्विटर) पर कुछ दिन पहले रूस की सेना की वर्दी पहनकर करनाल के हर्ष ने अपनी वीडियो वायरल कर सरकार से सहायता की अपील की थी। हर्ष ने भी यह आरोप लगाया था कि उसे जबरदस्ती इस जंग में फंसाया है। रवि के अलावा अभी साहिल, बलदेव, राजेंद्र व अन्य दो युवक वहां फंसे हुए हैं। जबकि मार्च माह में रवि ने युद्ध के समय अपनी फोटो और वीडियो भेजी थी। गांव मटौर निवासी युवक सोनू के अनुसार एक एजेंट ने गांव के एक साथ छह युवकों को रुपयों का लालच देकर युद्ध में धकेला था।

(Udaipur Kiran) / रमेश डाबर / SANJEEV SHARMA

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