जयपुर, 29 जुलाई (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने कर चोरी के मामले में आरोपी गौतम गर्ग को मिली जमानत को रद्द कर दिया है। इसके साथ ही अदालत ने आरोपी को कहा है कि वह तीस दिन में निचली अदालत में सरेंडर करे। जस्टिस प्रवीर भटनागर की एकलपीठ ने यह आदेश केन्द्र सरकार की ओर से दायर जमानत रद्द करने के लिए पेश याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में जीएसटी के वरिष्ठ अधिवक्ता किंशुक जैन ने अदालत को बताया कि आरोपी गौतम गर्ग ने करीब 7.48 करोड रुपए की कर चोरी की थी। जीएसटी एक्ट की धारा 70 के तहत दर्ज बयानों में आरोपी ने माना कि उसने अपने अंकल से मिलकर फर्जी फर्मो को सप्लाई दिखाकर कर चोरी की है। इसके अलावा विभाग को उसके घर से चार लाख रुपए की नकदी भी मिली थी। इसके अलावा उसके मोबाइल में सोशल मीडिया के बने ग्रुप में भी कर चोरी की बातें सामने आई हैं। इसके बावजूद भी निचली अदालत ने माना कि आरोपी ने सामान्य परिस्थितियों में बयान दर्ज नहीं कराए थे। वहीं इस बात का भी कोई साक्ष्य नहीं है कि वह संबंधित कंपनियों का मैनेजर है। वहीं अन्य साक्ष्य भी ऐसे नहीं है कि उसे जेल में रखा जाए। इसके साथ ही निचली अदालत ने गत 3 नवंबर को उसकी जमानत अर्जी को मंजूर कर उसे जेल से रिहा करने के आदेश दिए। ऐसे में उसे मिली जमानत को रद्द कर आरोपी को पुन: जेल भेजा जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने आरोपी को मिली जमानत रद्द कर उसे निचली अदालत में सरेंडर करने के आदेश दिए हैं।
(Udaipur Kiran)