कानपुर,29 जुलाई (Udaipur Kiran) । दक्षिण अफ्रीका में जलीय कृषि पर सोमवार को आयोजित वर्चुअल अन्तर्राष्ट्रीय मंथन को बतौर अध्यक्ष संबोधित करते हुए चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति डॉ.आनंद कुमार सिंह ने कहा कि देश में जलीय कृषि नवीनतम रुझान तकनीकियों में तेजी से वृद्धि कर रही है।
उन्होंने कहा कि सीएसए से सम्बद्ध मत्स्य महाविद्यालय इटावा द्वारा पशु चिकित्सा, मत्स्य पालन एवं पशुपालन विषय पर इस अंतरराष्ट्रीय मंथन का आयोजन करने के लिए डॉ. एन.के शर्मा को बहुत बहुत बधाई देता हूं। इसके साथ ही आयोजन समिति के सदस्यों और प्रतिभागियों को जलीय कृषि पर जानकारी देते हुए बताया कि मत्स्य पालन के क्षेत्र में नवीन तकनीकियों की वजह से उत्तर प्रदेश के साथ ही देश की जलीय कृषि में तेजी से वृद्धि हो रही है। इससे देश के मत्स्य पालकों की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार आएगा।
इस मौके पर डॉ एनके शर्मा ने जलीय कृषि में नवीनतम रुझान और प्रगति विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए जलीय कृषि में अपनाई जाने वाली नवीनतम तकनीकियों से अवगत कराया। इस अवसर पर डॉ. शर्मा ने कृषि विश्वविद्यालय, कानपुर और मत्स्य महाविद्यालय, इटावा की प्रगति आख्या से देश-विदेश से प्रतिभाग कर रहे वैज्ञानिकों को अवगत कराया।
सम्मेलन में प्रमुख रूप से डॉ. जॉन विनसेट आई मनालो वैज्ञानिक फिलीपींस, डॉ. रॉय सी विलेनु आवा वैज्ञानिक फिलिपींस, प्रो. वर्नेड मुलवा फूलन्नदा केन्या, प्रो. डॉ. बेंजामिन ओवुकोहो वैज्ञानिक घाना, डॉ. भास्करन मनीमरन फाउंडर वाइस चांसलर, डा. एन फेलिक्स कुलपति तमिलनाडु, डा. जे जयललिता फिशरीस विश्वविद्यालय तमिलनाडु आदि देश-विदेश के वैज्ञानिकों ने प्रतिभाग किया।
इस तकनीकी सत्र में चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के एनिमल हसबेंडरी एवं डेयरी विभाग के शिक्षक और शोध छात्रों के साथ साथ कृषि इंजीनियरिंग कॉलेज, इटावा और मत्स्य महाविद्यालय, इटावा के शिक्षकों ने भी अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए।
(Udaipur Kiran) / रामबहादुर पाल / मोहित वर्मा