जयपुर, 29 जुलाई (Udaipur Kiran) । जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने सोमवार को विधानसभा में घाेषणा की कि स्वच्छ परियोजना में वित्तीय अनियमितताओं की जांच एसीबी से कराई जाएगी। उन्होंने बांसवाड़ा जिले में स्वच्छ परियोजना के तहत लगाए गए परियोजना अधिकारी की नियुक्ति प्रक्रिया की जांच का भी आश्वासन दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि पूर्ववर्ती सरकार के समय में नियुक्त किये गए स्वच्छ परियोजना अधिकारी को वित्तीय अनियमितताओं की शिकायतों के चलते हटाया गया तथा उसके स्थान पर दूसरे समकक्ष अधिकारी को नियुक्त किया गया।
विधानसभा में प्रश्नकाल में बांसवाड़ा में स्वच्छ परियाेजना के अफसर को कलेक्टर की तरफ से हटाने और नया अधिकारी लगाने के मुद्दे पर मंत्री खराड़ी और कांग्रेस विधायक अर्जुन सिंह बामणिया के बीच नोक-झोंक हुई। खराड़ी ने कहा कि विभाग के पास इस अफसर के खिलाफ शिकायतें थीं, इसलिए हटाया। आप जिस अफसर को लगाना चाहते थे, उसके खिलाफ भारी शिकायतें थीं। इस पर बामणिया ने आपत्ति जताई। दोनों के बीच कुछ देर नोक-झोंक होती रही। बामणिया ने कहा कि स्वच्छ संस्था में कई अफसर हैं, दूसरे विभाग से अधिकारी लगाने का क्या कारण है? इस दाैरान नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने पूरक सवाल करते हुए कहा कि स्वच्छ सरकार से संचालित एनजीओ है। इसके विधान में साफ है कि इस संस्था का डायरेक्टर ही कर्मचारियों की सेवाएं जारी रखने या खत्म करने और ट्रांसफर-पोस्टिंग पर फैसला करेगा। इसके बावजूद कलेक्टर ने वहां अफसर कैसे लगा दिया? कलेक्टर ने किस अधिकार से अफसर लगा दिया। कलेक्टर को पावर नहीं थी, सरकार क्या कार्रवाई करना चाहती है? आप इसी तरह तो संविधान को कमजोर कर रहे हो। जिनके पास पावर नहीं है, वो संस्थाओं में हस्तक्षेप कर रहे हैं।
मंत्री खराड़ी ने कहा कि जनजाति विकास विभाग ने शिकायतों के बाद स्वच्छ संस्था से इस अफसर को हटाने के आदेश दिए थे। अफसर ने खूब गड़बड़ियां कीं। इसने बिना अधिकार नाै करोड़ से ज्यादा की खरीद नियम विरुद्ध तरीके से की। करोड़ों का भुगतान कर दिया। इस पूरे मामले की एसीबी से जांच होगी।
(Udaipur Kiran) / संदीप