प्रतापगढ़, 29 जुलाई (Udaipur Kiran) । धरियावद उपखंड क्षेत्र के मूंगाणा टांडा गांव में तीन बेटों ने अपने पिता और सौतेली मां-बहन का मर्डर करने के बाद शवों को पत्थर से बांधकर एनिकट में फेंक दिया। महिला छह महीने की प्रेग्नेंट थी। पुलिस ने दो आरोपित बेटों को पकड़ लिया है, वहीं एक बेटा विदेश भाग गया।
जानकारी के अनुसार लापता होने की सूचना पर सूरजमल लबाना, उसकी पत्नी लच्छीबाई और पांच साल की बेटी की रविवार शाम से तलाश की जा रही थी। हत्या की बात फैलने पर पुलिस मौके पर पहुंची थी। जिले के चार थानों की पुलिस, बांसवाड़ा एफएसएल टीम, चित्तौड़गढ़ से डॉग स्कवायड की टीम ने सर्च किया। देर रात तक पुलिस पता नहीं लगा पाई है। व्यक्ति के बेटों से पूछताछ के बाद सोमवार दोपहर करीब 1.30 बजे पति-पत्नी और बेटी के शव एनिकट में मिले हैं। महिला लच्छीबाई और उसकी बेटी का शव एक पत्थर और सूरजमल का शव का दूसरे पत्थर से बंधा मिला।
पुलिस सूत्रों के अनुसार आरोपिताें ने करीब चार दिन (25 जुलाई) पहले वारदात को अंजाम दिया था। घर में ही तीनों की हत्या की। इसके बाद पूरे घर को अच्छे तरह से साफ किया, लेकिन खून के निशान रह गए। शवों को पत्थरों से बांधकर गांव के पास एनिकट में फेंक दिया। इसके बाद दो दिन दंपती के घर पर दिखाई नहीं देने पर शनिवार सुबह आसपास के लोगों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जानकारी जुटाई और पूछताछ के बाद वापस चली गई। हत्या की सूचना फैलने पर अगले दिन रविवार सुबह पुलिस वापस मौके पहुंची और घर को खोलकर देखा तो आंगन में खून के निशान मिले। इस पर हत्या की आशंका के चलते पुलिस ने एफएसएल व डॉग स्क्वॉयड को बुलाया। सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। लेकिन देर रात तक पुलिस को कोई सफलता नहीं मिली।
दंपती द्वारा एक साल पहले दी गई रिपोर्ट (बेटों द्वारा जान से मारने की धमकी) के आधार पर पुलिस ने सोमवार सुबह सूरजमल लबाना के दो बेटे कन्नीराम और मन्नीराम को डिटेन कर पूछताछ की। सख्ती करने पर दोनों ने पूरी वारदात का खुलासा कर दिया। वहीं तीसरा बेटा दयालराम वारदात के बाद विदेश भाग गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार आरोपिताें ने हत्या के करने बाद शवों को ठिकाने लगाने का प्लान बनाया। सौतेली मां-बेटी को करीब 50 किलो और पिता सूरजमल को करीब 30 किलो के पत्थर से बांधकर एनिकट में फेंक दिया। जिससे वह बच ना सके और शव ऊपर नहीं आए। बताया जा रहा है कि सूरजमल लबाना ने प्रोपर्टी दूसरी पत्नी के नाम कर दी थी। इसे लेकर भी विवाद चल रहा था और दंपती को धमकियां दी जा रही रही थी।
जानकारी के अनुसार सूरजमल लबाना की पत्नी की करीब पांच साल पहले मौत हो गई थी। इसके बाद रिश्ते विधवा मामी लठीबाई से साल 2020 में शादी की थी। सूरजमल को पहली पत्नी से तीन बेटे थे। शादी से बेटे और समाज के लोग नाराज थे। समाज से बहिष्कार करने के फरमान, 11 लाख रुपये आर्थिक दंड और प्रताड़ना से परेशान किया जा रहा था।
सूरजमल को समाज और बेटों द्वारा जान से मारने की धमकियां दी जा रही थी। ऐसे में साल 2021 में हाईकोर्ट में सुरक्षा की गुहार लगाई थी। इस पर प्रदेश के गृह सचिव, प्रतापगढ़ एसपी समेत धरियावाद और पारसोला एसएचओ को सुरक्षा उपलब्ध करवाने के आदेश दिए थे। वहीं मामले में उचित कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया था। लेकिन दंपती का आरोप था कि कोर्ट के आदेश के बाद भी समाज के लोग और उनके बेटों द्वारा परेशान किया जा रहा है, जान से मारने की धमकियां दी जा रही है।
सूरजमल लबाना ने दिसंबर 2020 में आर्य समाज गुरुकुल चित्तौड़गढ़ में विवाह किया था। इसके बाद से लच्छी देवी के ससुराल पक्ष सहित समाज के कुछ लोगों ने इस विवाह से नाराज होकर उन दोनों को परेशान करना शुरू कर दिया। इस पर समाज ने 11 लाख रुपये के आर्थिक दंड की सजा सुनाई और प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। समाज से बहिष्कृत करने का फरमान सुनाने के बाद दंपती ने जोधपुर हाईकोर्ट की शरण ली थी। हाईकोर्ट ने जुलाई 2021 में प्रदेश के गृह सचिव, प्रतापगढ़ एसपी सहित धरियावद और पारसोला एसएचओ सहित 15 जनों को पक्षकार बनाते हुए दंपती को परेशान नहीं करने के लिए पाबंद करने और सुरक्षा दिलाने के आदेश दिए थे। करीब सवा दो साल पुराने इस आदेश के बावजूद उन्हें न्याय नहीं मिल रहा था।
(Udaipur Kiran) / रोहित / संदीप