– नीति आयोग की बैठक में ममता बनर्जी का माइक बंद करने के आरोप पर बंगाल विधान सभा में निंदा प्रस्ताव लाया गया, भाजपा का वाकआउट
कोलकाता, 29 जुलाई (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को विधान सभा में भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा ‘विभाजन की राजनीति’ कर रही है। उन्होंने कहा कि पूरी बंगाल के साथ-साथ उत्तर बंगाल बजट में उपेक्षित रहा है, जबकि यहां से भाजपा ने सबसे अधिक सीटें जीतीं। ममता बनर्जी ने चुनौती देते हुए कहा कि बंगाल को विभाजित करने का प्रयास किया गया तो मैं दिखाऊंगी कि कैसे इसे रोका जाता है। नीति आयोग की बैठक में ममता बनर्जी का माइक बंद करने के आरोप पर आज बंगाल विधान सभा में निंदा प्रस्ताव लाया गया।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब उत्तर बंगाल के बालुरघाट से सांसद और उत्तर-पूर्व विकास मंत्रालय के राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उत्तर बंगाल की केंद्रीय परियोजनाओं को उत्तर-पूर्व भारत की परियोजनाओं में शामिल करने का प्रस्ताव दिया। सोमवार को विधान सभा में ममता बनर्जी ने इस प्रस्ताव के खिलाफ अपनी आवाज उठाई और सुकांत के बयान का विरोध किया। सुकांत ने ममता के आरोपों का खंडन करते हुए कहा, बंगाल विभाजन का कोई सवाल ही नहीं है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी गैरजरूरी बातें कर रही हैं और यह कोई निर्णय नहीं है।
इससे पहले शनिवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक में ममता बनर्जी ने माइक बंद करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि उनकी आवाज दबाई गई और उनका अपमान किया गया। इस पर तृणमूल कांग्रेस आज विधान सभा में निंदा प्रस्ताव लाई, जिसका भाजपा ने विरोध करके विधान सभा से वाकआउट किया।
केन्द्रीय बजट में उत्तर बंगाल की उपेक्षा पर ममता ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने उत्तर बंगाल को बजट में कुछ भी नहीं दिया, जबकि उनकी सरकार ने उत्तर बंगाल के बुनियादी ढांचे के विकास पर एक लाख 64 हजार 764 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। ममता ने आरोप लगाया कि भाजपा को उत्तर बंगाल से इतनी सीटें मिलने के बावजूद, उन्होंने विभाजन की राजनीति शुरू कर दी है। ममता बनर्जी ने विधान सभा में जोर देते हुए कहा, बंगाल विभाजन के खिलाफ विधान सभा में चर्चा होनी चाहिए। वोटिंग होनी चाहिए। विधान सभा को बाईपास करके बंगाल विभाजन की बात नहीं की जा सकती।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर / सुनीत निगम