जम्मू, 28 जुलाई (Udaipur Kiran) । उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में हुई प्रशासनिक परिषद ने 400 करोड़ रुपये की परियोजना लागत से कैपेक्स मोड में 70 मेगावाट की कुल क्षमता और रेस्को मोड में 200 मेगावाट की ग्रिड-टाइड रूफटॉप सौर ऊर्जा प्रणाली स्थापित करके जम्मू और कश्मीर में सभी सरकारी भवनों के सौरकरण को मंजूरी दी। इस परियोजना को जम्मू और कश्मीर ऊर्जा विकास एजेंसी द्वारा क्रियान्वित किया जाएगा।
सरकारी भवनों में विभिन्न क्षमताओं की रूफटॉप सौर परियोजनाएं स्थापित की जाएंगी, जिनका उद्देश्य सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए सरकारी प्रतिष्ठानों की विशाल छतों का लाभ उठाना है। इन सौर ऊर्जा प्रणालियों में द्वि-दिशात्मक स्मार्ट मीटर होंगे और डिस्कॉम द्वारा वर्चुअल नेट मीटरिंग लाभ प्रदान किया जाएगा, ताकि एक विशेष स्थान पर सौर पैनलों द्वारा उत्पन्न अतिरिक्त ऊर्जा को उसी विभाग के विभिन्न भवनों के अन्य विद्युत कनेक्शनों के विरुद्ध समायोजित किया जा सके। इस परियोजना के दिसंबर 2025 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है और इसके बाद जेकेईडीए द्वारा सूचीबद्ध विक्रेताओं के माध्यम से पांच साल की अवधि के लिए निःशुल्क रखरखाव किया जाएगा।
सौर ऊर्जा डेवलपर्स के माध्यम से आरईएससीओ मोड के तहत विकसित की जाने वाली परियोजना साइटों को बोली प्रक्रिया के माध्यम से निर्धारित किए जाने वाले टैरिफ पर संबंधित विभागों के साथ 25 साल की अवधि के लिए बिजली खरीद समझौते निष्पादित करने होंगे। परियोजना के कार्यान्वयन के साथ, 270 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना से 25 वर्षों की अवधि में कार्बन उत्सर्जन में लगभग 8.3 मिलियन टन की कमी आएगी। इस परियोजना को लागू करने से अत्यधिक कुशल, कुशल और अकुशल कर्मियों के लिए 10,800 से अधिक नौकरियां पैदा होंगी। द्वितीयक और तृतीयक खंडों में सौर पीवी ग्रिड से जुड़ी परियोजनाओं द्वारा इनवर्टर, केबल, ट्रैकर और अन्य भागों जैसे सिस्टम उपकरणों के निर्माण और आपूर्ति के संबंध में कई अतिरिक्त नौकरी की भूमिकाएँ बनाई जाएंगी।
बैठक में उपराज्यपाल के सलाहकार राजीव राय भटनागर, मुख्य सचिव अटल डुल्लू तथा एलजी के प्रमुख सचिव मंदीप के. भंडारी भी शामिल हुए। बैठक में जम्मू-कश्मीर में सभी सरकारी स्वामित्व वाली इमारतों में रूफटॉप सोलर प्रोजेक्ट्स की तैनाती में तेजी लाने का फैसला किया गया।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा / बलवान सिंह