जोधपुर, 28 जुलाई (Udaipur Kiran) । विश्व हिन्दू परिषद की केन्द्रीय प्रबन्ध समिति की दो दिवसीय बैठक रविवार काे जोधपुर के माहेश्वरी भवन में सम्पन्न हुई। बैठक में देश भर में विहिप के 47 प्रान्तों सहित विश्व भर के लगभग 300 पदाधिकारियों ने भाग लिया।
विहिप के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि बैठक में प्रत्येक विस्थापित हिन्दू को नागरिकता मिले, हिन्दू मान्यताओं व परम्पराओं की सात्विकता व पवित्रता सुनिश्चित करने के साथ मन्दिरों को जागरण, धर्म प्रचार, सेवा व समरसता के केन्द्र बनाने का संकल्प लिया गया।उन्होंने कहा कि इस वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को विहिप के 60 वर्ष पूर्ण हाेने पर देशभर में हजारों स्थानों पर व्यापक जनजागरण कार्यक्रम होंगे। 24 अगस्त से 1 सितंबर के बीच आयोजित होने वाले इन स्थापना दिवस महोत्सव कार्यक्रमों के अन्तर्गत विहिप की 60 वर्षों की उपलब्धियां, वर्तमान में राष्ट्र, धर्म व हिन्दू समाज के समक्ष चुनौतियाँ तथा उनके निराकरण के सम्बन्ध में चर्चाएं, संगोष्ठियां व सार्वजनिक कार्यक्रम होंगे। इनके माध्यम से हम विहिप के कार्यों व हिन्दू जीवन मूल्यों को जन जन तक लेकर जाएंगे।
आलोक कुमार ने कहा कि हिंदुओं को दो से तीन बच्चे पैदा करने चाहिए। रिसर्च भी कहती है कि एक बच्चा अहंकारी हो जाता है उसे किसी से मिलना-जुलना अच्छा नहीं लगता। जनसंख्या वृद्धि बच्चे पैदा करने से नहीं बल्कि घुसपैठ के कारण हो रही है। चीन ने एक नियम बनाया है। इसमें एक ही बच्चा रखने की बात कही गई है। इससे बच्चों की जनसंख्या घटने लगी है। ऐसे में, बुजुर्गों की संख्या बढ़ जाती है। दुनिया की रिसर्च भी कहती है कि एक बच्चा अहंकारी होता है। उसे किसी दूसरे से मिलना-जुलना अच्छा नहीं लगता। इसलिए हमारा मानना है कि दो या तीन बच्चे अच्छे घर में होते हैं। हम उसके लिए प्रयत्न भी करेंगे, लोगों को समझाएंगे भी। उन्होंने कहा कि जनसंख्या का असंतुलन केवल बच्चे पैदा करने की रेट्स में बढ़त होने की वजह से ही नहीं हो रहा है। वो धर्मांतरण और घुसपैठ के कारण भी हो रहा है।
उन्होंने कहा कि सीएए लागू होने के बाद पाकिस्तानी, बांग्लादेश, म्यांमार जहां जहां से हिंदू आए हैं। उन लोगों के लिए हमने परमानेंट कैंप लगाया है। राजस्थान, दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात व उत्तर प्रदेश सहित सम्पूर्ण देश के अनेक राज्यों में विहिप एवं बजरंग दल कार्यकर्ता हर गाँव गली मोहल्ले में पाक से आये पीड़ित विस्थापित हिन्दुओं को नागरिकता दिलाने में सहयोग कर रहे हैं। इसमें हजारों ऐसे हिन्दुओं की नागरिकता के लिए पंजीयन हो चुका है। सैकड़ों को नागरिकता मिली भी है। इस प्रक्रिया में और तेजी लाई जाएगी तथा शेष बचे सभी पीड़ितों को भारत की नागरिकता दिलाई जाएगी। सरकार से भारत की नागरिकता देने के लिए आने वाले शरणार्थियों के नियमों में सरलता लाने के लिए भी मांग की है और उन्हें विश्वास है कि आने वाले समय में न्यूनतम डॉक्युमेंट्स के साथ शरण लेने के लिए आने वाले हिंदुओं को नागरिकता मिल सकेगी।
उन्होंने बताया कि मुसलमानों को अधिकार बताया जाता है कि वह खाने के पहले देखें कि वह खाना हलाल का है या नहीं। खाने में धार्मिक भाव को देखा जा सकता है तो बेचने वाले के बारे में क्यों नहीं? इस बारे में कानून 2006 में बना था। 2011 में नियम बने थे। इन नियमों में यह निर्देश था कि खाने का सामान बेचने वालों को अपना लाइसेंस दुकान पर लगाना पड़ेगा जिसमें उनका नाम शामिल है। तब केन्द्र में प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह की सरकार थी।
उन्होंने बताया कि विभिन्न जाति मत-पंथ-सम्प्रदायों के मठ मन्दिर देश में सामाजिक जागरण, धर्मप्रचार, सेवा व समरसता के केन्द्र बनें तथा शुद्ध मंत्रोच्चार के साथ धार्मिक रीति-रिवाज से पूजा, अर्चना व पौरोहित्य के कार्य सम्पन हों, इसके लिए विहिप ने देशभर में अर्चक पुरोहितों के प्रशिक्षण की एक व्यापक कार्य योजना बनाई है। इससे न सिर्फ भारतीय उपमहाद्वीप अपितु, पश्चिम के देशों में भी मन्दिरों व घरों में विधि विधान से संस्कार व धार्मिक शिक्षा का प्रसार हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि लालच, धोखे और भय से धर्मांतरण नहीं होना चाहिए। तुम्हारे बच्चे को फ्री में स्कूल एजुकेशन देंगे या तुम्हारे पिता का फ्री में इलाज करवाएंगे, यह लालच है। ईसा मसीह की भस्म देते हैं जो पेरासिटामोल का पाउडर होता है। लालच, भय और धोखे से होने वाला धर्मांतरण अंतरात्मा की आवाज से नहीं होता। इस दौरान उन्होंने युवाओं को संस्कारों से जोड़ने, धर्मांतरण, जनसंख्या, नियंत्रण सहित कई विषयों पर भी जानकारी दी।
(Udaipur Kiran) / रोहित / प्रभात मिश्रा