जयपुर, 28 जुलाई (Udaipur Kiran) । सावन की हरियाली अमावस्या चार अगस्त को अनेक शुभ योग-संयोग में आ रही है। लोग अपने दिवंगत पितृगणों की स्मृति में पौधा लगाएंगे और तर्पण करेंगे। इस दिन श्रीवत्स योग, रवि पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, सिद्धि योग और पुष्य नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है। इसलिए यह विशेष फलदायी रहेगी। सभी प्रमुख शिवालयों में शिवजी राजा के रूप में विराजेंगे। बेल पत्र, धतूरा और हरी पत्तियों से उनका हरित श्रृंगार किया जाएगा। धार्मिक और सामाजिक संस्थाएं पौधे लगाएंगी। पेड़ हमारे जीवन का आधार हैं। वे हमें प्राण शक्ति ऑक्सीजन देते हैं, इसलिए पेड़-पौधों को संरक्षित करने, आदर देने और धरती मां के आंगन में हरियाली बिखेरने के उद्देश्य से प्रति वर्ष हरियाली अमावस्या मनाई जाती है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, पीपल के पेड़ पर तीन देवताओं का वास माना जाता है- ब्रह्मा, विष्णु और महेश। पौधा लगाते हैं तो आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी और आपकी सभी समस्याएं दूर हो जाएंगी। इस दिन पितरों को तर्पण और पिंडदान करना शुभ माना जाता है। वे खुश होकर आशीर्वाद देते हैं।
ज्योतिषाचार्य बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि हरियाली अमावस्या पर श्रीवत्स योग सुबह 5:56 बजे से दोपहर 1: 25 बजे तक रहेगा। रवि पुष्य योग शनिवार को 11:59 बजे से शुरू होकर रविवार को दोपहर 1:25 बजे तक है। सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 5:56 बजे से दोपहर 1:25 बजे तक है। सिद्धि योग शनिवार को 11 बजे सुबह से रविवार को सुबह 11: 41 बजे तक रहेगा। पुष्य नक्षत्र तडक़े 5:56 बजे से दोपहर 1: 26 बजे तक है।
(Udaipur Kiran)