कुल्लू, 27 जुलाई (Udaipur Kiran) ।
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने प्रदेश की सुक्खू सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऐसी सरकार आई है जो जनता की सुविधाओं को बढ़ाने के बजाय उनसे छीनने का कार्य कर रही है।
ठाकुर ने यह बात मनाली के पतलीकूहल में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान कही। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार ने अपने मंत्रिमंडल में जनता के हित में निर्णय लेने के बजाय केवल अपनी राजनीतिक लाभ को प्राथमिकता दी है।
पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने हाल ही में सरकार द्वारा निजी अस्पतालों में हिमकेयर कार्ड की सुविधाओं को बंद करने के फैसले पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से प्रदेश भर के 31 लाख हिम केयर कार्ड धारक प्रभावित होंगे।
ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में 292 अस्पताल इस योजना के तहत सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब तक प्रदेश में 7,64,707 मरीजों का मुफ्त इलाज हो चुका है, जिस पर 988 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। इसके अतिरिक्त, उन्होंने बताया कि 370 करोड़ रुपए का भुगतान अभी भी सरकार द्वारा किया जाना बाकी है। गोविंद ठाकुर ने इस निर्णय को जनविरोधी करार दिया और कहा कि इससे प्रदेश के गरीब और जरूरतमंद लोगों को भारी नुकसान होगा। उन्होंने सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है ताकि हिम केयर कार्ड धारकों को मिलने वाली सुविधाओं को बनाए रखा जा सके।
पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने सुक्खू सरकार द्वारा टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (टेट) और डीएलएड की फीस में की गई वृद्धि की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे शिक्षा के क्षेत्र में आर्थिक बोझ बढ़ाने वाला कदम बताया है।
गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि अनारक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए टेट की फीस पहले 800 रुपये थी, जिसे अब 1600 रुपये कर दिया गया है। ओबीसी, एससी, और एसटी वर्ग के उम्मीदवारों के लिए यह फीस पहले 500 रुपये थी, जो अब 1000 रुपये हो गई है। उन्होंने बताया कि इसी तरह, डीएलएड के कॉमन एंट्रेंस टेस्ट की फीस भी बढ़ाई गई है। पहले यह फीस 600 रुपये थी, जिसे अब बढ़ाकर 1200 रुपये कर दिया गया है। ओबीसी, एससी, और एसटी वर्ग के उम्मीदवारों के लिए पहले यह फीस 400 रुपये थी, जो अब 800 रुपये हो गई है। ठाकुर ने सरकार के इस फैसले को गरीब और पिछड़े वर्गों के खिलाफ बताते हुए कहा कि यह निर्णय छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए छात्रों को पहले से ही कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और इस प्रकार की फीस वृद्धि उनके लिए अतिरिक्त आर्थिक बोझ है। वहीं उन्होंने हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित की जाने वाली विभिन्न परीक्षाओं के शुल्क में भी बढ़ोतरी किए जाने पर निंदा व्यक्त की है। पूर्व मंत्री ने सुक्खू सरकार से इस निर्णय को तुरंत वापस लेने की मांग की है और कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए सकारात्मक कदम उठाए जाने चाहिए, न कि छात्रों को और अधिक मुश्किलों में डालने वाले फैसले लिए जाएं।
(Udaipur Kiran)
(Udaipur Kiran) / जसपाल सिंह शुक्ला