मुरैना, 27 जुलाई (Udaipur Kiran) । न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी द्वारा शनिवार को पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट करने वाले आरोपियों को दण्डित किया है। न्यायालय द्वारा एक दर्जन आरोपियों को 2 वर्ष 6 माह के कारावास से दण्डित किया है।
मामला स्टेशन रोड थाने का है। एक दर्जन लोगों ने पुलिस कर्मियों पर हमला कर उनके साथ मारपीट की थी। इस मामले में स्टेशन रोड थाने में मामला कायम हुआ था। पुलिसकर्मियों के साथ हुई मारपीट का यह मामला मुरैना न्यायालय में चला। जहां से आज परसराम पुत्र देवीराम कुशवाह, धर्मेन्द्र सिंह पुत्र शंकर सिंह कुशवाह, सुभाष उर्फ गोधना पुत्र शंकर सिंह कुशवाह, कमलेश पत्नी परशराम कुशवाह, वीरसिंह पुत्र देवीराम कुशवाह, रामौतार उर्फ औतार पुत्र देवीराम कुशवाह, कदमसिंह पुत्र देवीराम कुशवाह, रनवीर पुत्र जगमन कुशवाह, . रामबरन पुत्र जगमन कुशवाह, बेताल कुशवाह पुत्र धनीराम कुशवाह, द्वारकाप्रसाद पुत्र हरफूल कुशवाह एवं बंटी कुशवाह पुत्र धर्मा उर्फ रामसहाय कुशवाह समस्त निवासीगण- ग्राम विसंगपुर, थाना स्टेशनरोड को को 02 वर्ष 06 माह के सश्रम कारावास एवं 3500-3500 रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी गोपाल सिंह सिकरवार ने की।
सिकरवार ने बताया कि 4 सितंबर 2015 को फरियादी सहायक उप निरीक्षक सुरेन्द्र यादव सहित प्रधान आरक्षक रामअवतार, प्रधान आरक्षक शैलेन्द्र सिंह चौहान, आरक्षक विनोद खरे, आरक्षक देवेन्द्र, आरक्षक अनिल, आरक्षक, रामकुमार, सुनील, महिला आरक्षक संगीता मुखबिर की सूचना पर से ग्राम विसंगपुर गये थे। वहां पर आरोपी परसराम अपने घर के बाहर बरामदे में से आठ पेटी देशी प्लेन शराब बिना लाइसेंस के विक्रय करते हुये मिला। पुलिस ने परसराम को गिरफ्तार कर जब वहां से रवाना होने लगे तो उसी समय परसराम के परिजन कदमा कुशवाह, रामअवतार कुशवाह, वीर सिंह कुशवाह, धर्मेन्द्र कुशवाह, गोधना कुशवाह, कमलेश कुशवाह, आशाराम कुशवाह, रामबरन कुशवाह, रणवीर कुशवाह, बेताल कुशवाह, बंटी कुशवाह, द्वारिका कुशवाह एक राय होकर आए और सभी पुलिस पर पथराव करने लगे। इस हमले में सहायक उप निरीक्षक सुरेन्द्र यादव के दाहिनी आंख के नीचे चोट आयी। इसके अलावा प्रधान आरक्षक रामअवतार भी घायल हो गया तथा पथराव से शासकीय वाहन क्रमांक एम.पी. 03 ए 2209 भी क्षतिग्रस्त हो गया। स्टेशन रोड थाने में पथराव करने वालों के खिलाफ धारा 353, 332, 186, 336, 147, 294, 341, 506 भा.द.सं. के अंतर्गत मामला पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। संपूर्ण विवेचना उपरंात अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। न्यायालय द्वारा अभियोजन के साक्ष्य एवं तर्कों से सहमत होकर आरोपीगण को दण्डित किया गया।
(Udaipur Kiran) / शरद शर्मा तोमर