चंडीगढ़, 27 जुलाई (Udaipur Kiran) । हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश के अस्थायी कर्मचारियों को सरकार स्थायी कर सकती है। इसके लिए हरियाणा सरकार द्वारा गठित कमेटी ने शुक्रवार रात चंडीगढ़ में कई घंटे तक मंथन किया। नौ वरिष्ठ अधिकारियों वाली इस कमेटी में आठ आईएएस अधिकारी हैं। देररात तक चली बैठक में सभी विभागों में कार्यरत कच्चे कर्मचारियों का पूरा ब्योरा तलब कर ऐसी पालिसी बनाने पर सहमति बनी है, जिसे कि न्यायालय में चुनौती नहीं मिल पाए। फिलहाल पांच साल, 10 साल, 15 साल और 20 साल से कार्य कर रहे कच्चे कर्मचारियों के बारे में ब्योरा इकट्ठा कर इस पर मंथन आरंभ कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने नौ वरिष्ठ अधिकारियों की कमेटी का गठन किया है, जिसमें आइएएस वियजेंद्र कुमार, डी सुरेश, विकास गुप्ता, डा. अमित अग्रवाल, जे गणेशन, पंकज, डा. आदित्य दहिया, जितेंद्र कुमार व राजेंद्र वर्मा को बतौर सदस्य शामिल किया है। अधिकारियों की कमेटी को कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने के तमाम विकल्पों पर जल्दी रिपोर्ट देने को कहा गया है। इस रिपोर्ट को पांच अगस्त को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में होने वाली राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में भी रखा जा सकता है।
पिछले दिनों हाई कोर्ट ने भी हरियाणा सरकार को कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की दिशा में काम करने को कहा था। इसके लिए सरकार ने 13 मार्च को सभी विभागों को पांच साल से ज्यादा काम कर रहे कच्चे कर्मचारियों की लिस्ट मांग ली थी। आउटसोर्सिंग पालिसी पार्ट वन और आउटसोर्सिंग पालिसी 2 के तहत लगे सभी कर्मचारियों का ब्याैरा इक्कठा किया जा चुका है। बी, सी और डी श्रेणी के पदों पर पांच से 10 साल से कार्य कर रहे अस्थायी कर्मचारियों की जानकारी जुटाई जा चुकी है। हरियाणा सरकार की मंशा है कि शुरुआत में डीसी रेट और एडहाक पर लगे कर्मचारियों को पक्का करने का मौका दिया जाए। इसके बाद अन्य श्रेणी के कर्मचारियों के बारे में विचार होगा, क्योंकि हरियाणा में अलग-अलग आउटसोर्सिंग पालिसी के तहत अनुबंध के आधार पर कर्मचारियों की भर्ती हुई है।
(Udaipur Kiran) शर्मा / पवन कुमार श्रीवास्तव