जयपुर, 27 जुलाई (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि गंगापुर सिटी के पास सुमेल नदी पर बने एनीकट के अतिरिक्त जल भराव से स्थानीय निवासियों को हो रही समस्या के निस्तारण के लिए क्या किया जा रहा है। अदालत ने मामले में मुख्य सचिव और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश भरत सिंह व अन्य की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
जनहित याचिका में अधिवक्ता सुरेन्द्र कुमावत लांबा ने अदालत को बताया कि मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना के तहत सुमेल नदी पर एनीकट का निर्माण किया गया है। एनीकट के सर्वेक्षण और निर्माण के दौरान प्रशासन की ओर से यह बताया गया था कि इसकी भराव क्षमता 46.20 एमसीटी रहेगी और इसका जल भराव क्षेत्र बामन बड़ौदा की संपर्क रोड के पुल के स्तर तक रहेगा। जबकि नौगांवा इसके अपस्ट्रीम में रहेगा। एनीकट की दोषपूर्ण डिजाइन और गलत निर्माण के कारण इसका जलमग्न एरिया 46.20 से करीब चार गुणा बढ़कर 184 एमसीटी हो गया। इसके अलावा अपस्ट्रीम एरिया से पांच किलोमीटर आगे तक जलभराव हो रहा है। इसके कारण नौगांवा, बिदरखा, बामन बड़ौदा सहित आसपास के गांवों के निवासियों के खेतों और मकानों में जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है।
याचिका में बताया गया कि याचिकाकर्ताओं की भूमि को डूब क्षेत्र के उद्देश्य से न तो अधिग्रहित किया गया और ना ही उन्हें कोई मुआवजा मिला। हर मौसम में जलभराव होने के कारण खेतों में फसल की पैदावार खराब हो रही है लेकिन उसका भी मुआवजा नहीं दिया गया। यहां हो रहे जलभराव के कारण उन्हें जीवन यापन में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध में स्थानीय अधिकारियों को कई बार शिकायत दी गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।
(Udaipur Kiran)
(Udaipur Kiran) / दधिबल यादव