– असम विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव को दोबारा सेंटर का दौरा कर तीन सप्ताह में रिपोर्ट देने का निर्देश
नई दिल्ली, 26 जुलाई (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट ने असम के डिटेंशन सेंटर में रह रहे लोगों की सुविधाओं में कमी पर नाराजगी जताते हुए गहरा असंतोष जताया है। जस्टिस एएस ओका की अध्यक्षता वाली बेंच ने असम के मटियाल में डिटेंशन सेंटर के बारे में असम विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव को एक बार और वहां का दौरा कर तीन हफ्ते में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव को दोबारा दौरा करने को कहा ताकि न केवल रिपोर्ट में उल्लेखित सुविधाओं का पता लगाया जा सके, बल्कि भोजन की गुणवत्ता और मात्रा, रसोई में साफ-सफाई का भी पता लगाया जा सके। कोर्ट ने यह आदेश डिटेंशन सेंटर पर सचिव की रिपोर्ट पढ़ने के बाद दिया जिसमें बताया गया है कि डिटेंशन सेंटर में पर्याप्त पानी की आपूर्ति नहीं है। उचित स्वच्छता और शौचालय नहीं हैं। रिपोर्ट में भोजन और चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता का उल्लेख नहीं किया गया है।
कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी निर्वासन के मामले पर तीन हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि वहां रहने वालों के लिए समुचित पानी, बिजली, शौचालय और मेडिकल सुविधाओं का घोर अभाव है। यह राज्य की बदतर स्थिति को बताता है।
(Udaipur Kiran) / संजय
(Udaipur Kiran) पाश / पवन कुमार श्रीवास्तव