शिमला, 26 जुलाई (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में लगातार बारिश हो रही है। शिमला समेत कई स्थानों पर गुरुवार की रात जमकर बारिश हुई। अगले छह दिन भारी वर्षा से राहत मिलने के आसार नहीं हैं। मौसम विभाग ने आगामी 1 अगस्त तक कुछ स्थानों पर भारी बारिश की चेतावनी दी है। राज्य के आठ जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। इनमें शिमला, सोलन, बिलासपुर, हमीरपुर, ऊना, कांगड़ा, सिरमौर और मंडी जिले शामिल हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने भारी वर्षा की आशंका को देखते हुए हिमाचल प्रदेश के लोगों के साथ यहां आने वाले सैलानियों को सतर्क रहने की सलाह दी है। लोगों को भूस्खलन संभावित इलाकों व नदी-नालों के समीप न जाने की हिदायत दी गई है। बारिश की वजह से भूस्खलन व चट्टान गिरने की आशंका बनी हुई है। बीती रात कांगड़ा जिला के मुख्यालय धर्मशाला में सबसे ज्यादा 53 मिलीमीटर वर्षा हुई। शिमला व सुंदरनगर में 50-50, बिजाही व गोहर में 40-40, भराड़ी में 30, जुब्बल व नैनादेवी में 20-20, बैजनाथ, कसौली, डल्हौजी, मनाली, पच्छाद, बरठीं व देहरा गोपीपुर में 10-10 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई है। शिमला में पिछले कुछ दिनों से मौसम का मिजाज अजीब बना हुआ है। यहां रात को जमकर बारिश हुई, वहीं दिन को कभी धूप तो कभी घनी धुंध छा रही है। मौसम विभाग के मुताबिक शिमला सहित पूरे राज्य में मानसून की सामान्य से 40 फीसदी कम बारिश हुई है।
एक माह में 87 घर, चार दुकानें और 73 पशुशालाएं क्षतिग्रस्त
मानसून के सामान्य से कम बरसने के बावजूद राज्य में वर्षाजनित हादसों में जानमाल को भारी नुकसान पहुंच रहा है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार राज्य में मानसून ने 27 जून को दस्तक दी थी। इस तरह पिछले एक माह में भारी वर्षा से 87 कच्चे-पक्के घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। इनमें 14 घर पूर्ण रूप से ध्वस्त हुए, जबकि 73 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा चार दुकानें और 73 पशुशालाएं भी धराशायी हुईं। राज्य में एक माह में वर्षाजनित घटनाओं में 51 लोगों की जान गई। इनमें 18 लोगों की ऊंचाई से गिरने और 15 लोगों की पानी के तेज बहाव में बहने व डूबने से मौत हुई है। सर्पदंश से आठ और करंट की चपेट में आने से सात लोगों ने दम तोड़ा है। मानसून सीजन के दौरान हुए विभिन्न सड़क हादसों में 56 लोगों की माैत हुई है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार मानसून सीजन की एक माह की अवधि में राज्य में 390 करोड़ का नुकसान आंका गया है। इसमें लोकनिर्माण विभाग को 157 करोड़ का नुकसान पहुंचा है।
(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा कुमार सक्सैना