बिजनौर, 23 जुलाई (Udaipur Kiran) । जनपद के थाना किरतपुर क्षेत्र में एक गुलदार आखिरकार पिंजरे में फंस ही गया, जिसके बाद क्षेत्र के ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है।
बुड़गरी गांव तहसील व रेंज नाजीबाबाद के अंतर्गत गुलदार द्वारा बकरी एवं पालतू गौ वंश पर हमले कर घायल करने की प्राप्त हो रही सूचनाओं एवं मानव आबादी क्षेत्र के आस पास गुलदार देखें जाने की शिकायतों के आधार पर गुलदार की ट्रैकिंग की गई। इस दाैरान ट्रैप कैमरा में कैद हुए गुलदार की पुष्टि करने पर वन विभाग द्वारा सक्षम स्तर से अनुमति प्राप्त करने के बाद पिंजरा लगाया था। इसकी सतत मॉनिटरिंग वन रेंज नजीबाबाद की टीम द्वारा कराई जा रही थी। 25 जुलाई गुरुवार की रात्रि करीब 11.15 बजे एक गुलदार सुरक्षित पिंजरे में कैद हो गया। इसकी रात्रि में ही उच्च अधिकारियों क़ो सूचना करते वन विभाग की टीम द्वारा नजीबाबाद रेंज की जालपुर पौधशाला में ले जाया गया | रेस्क्यू किये गए गुलदार के स्वास्थ्य परीक्षण की कार्यवाही मुख्य पशु चिकित्साधिकारी बिजनौर द्वारा टीम गठित कर कराई जा रही है। मेडिकल परीक्षण रिपोर्ट के आधार पर इस गुलदार क़ो अवमुक्त करने सम्बन्धी निर्णय प्रधान मुख्य वन संरक्षक/मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक की अनुमति मिलने के बाद किया जायेगा।
यह रेस्क्यू ऑपरेशन विकास कुमार वन दरोगा चंदक सेक्शन एवं हरगोविंद सिंह डिप्टी रेंजर व नजीबाबाद रेंज सामाजिक वानिकी के स्टाफ द्वारा किया गया। जिसका मार्गदर्शन व नेतृत्व ज्ञान सिंह एसडीओ बिजनौर ने किया। वन विभाग ने जनपद में गुलदार की बढ़ती संख्या व हमलों को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान भी चलाया है जिसमें सभी से सर्तकता बरतनें की अपील की गई है। इसके अलावा वन विभाग द्वारा मानव गुलदार संघर्ष निवारण 24 x7 कण्ट्रोल रूम सक्रिय किया गया है, जिसका संपर्क नं0- 01342-262259 है। विभाग ने जनपद के निवासियों से अनुरोध किया है कि गुलदार की उपस्थिति सम्बन्धी सूचनाएं वन विभाग के कण्ट्रोल रूम से साझा करें, ताकि मानव गुलदार निवारण सम्बन्धी त्वरित कार्यवाही की जा सके। वन विभाग द्वारा जारी गुलदार हमलों से बचाव सम्बन्धी एडवाइजरी का अवश्य पालन करने का भी अनुरोध किया है जिसमें जल भराव क्षेत्रों के ग्रामीण अँधेरे में खेतोँ पर न जाये,छोटे बच्चो क़ो भेड़ बकरी चराने हेतु न भेजें, खेतों में कार्य करते समय छोटे बच्चों का साथ में कभी न रखने, अँधेरे में बाहर जाने पर पर्याप्त रोशनी, टार्च-लाठी आदि लेकर समूह में निकलने जैसी सावधानियां बरतने काे लाेगाें से कहा गया है।
गौरतलब है कि जनपद में इसी वर्ष 2024 में गुलदार आधा दर्जन लोगों को शिकार बना चुके हैं। वहीं दो दर्जन से अधिक लोगों को घायल कर चुके हैं। जबकि सैकड़ों की संख्या में गुलदारों ने पालतू पशुओं, जानवरों को अपना निवाला बनाया जा चुका है | मोटे अनुमान के तौर पर माना जा रहा है कि जनपद बिजनौर में गुलदारों की संख्या पांच सौ से अधिक है। गुलदारों से निजात दिलाने की मांग को लेकर किसान यूनियन व ग्रामीण डीएफओ कार्यालय, जिला कलेक्ट्रेट में कई बार धरना प्रदर्शन कर चुके हैं।
(Udaipur Kiran) / नरेन्द्र / मोहित वर्मा