Uttar Pradesh

सीसामऊ सीट उपचुनाव के लिए प्रदेश सरकार के दो मन्त्रियों ने सभी वर्गों से की मन्त्रणा

सीसामऊ सीट उपचुनाव के लिए प्रदेश सरकार के दो मन्त्रियों ने सभी वर्गों से की मन्त्रणा

कानपुर, 25 जुलाई (Udaipur Kiran) । सीसामऊ विधानसभा सीट में होने वाले उपचुनाव को लेकर भाजपा ने जोर-आजमाइश शुरु कर दी है। सरकार के दो प्रभारी मन्त्रियों ने शहर के सभी वर्गों से मिलकर जीत के लिए मन्त्रणा तो की साथ ही वोटरों की नब्ज भी टटोलने का काम किया।

भाजपा ने सरकार में सबसे वरिष्ठ मंत्री सुरेश खन्ना के साथ ही आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल को इस सीट के लिए उम्मीदवार चुनने की जिम्मेदारी सौंपी है। इसी के तहत गुरुवार को दोनों मंत्री कानपुर पहुंचे और कई जगहों पर बैठक की। आज के एजेंडे के मुताबिक भाजपा पदाधिकारियों व मंत्रियों के साथ विधानसभा में रहने वाले सिख, सिंधी, वैश्य और एससी समाज के लोगों के साथ बैठक की। जबकि मुस्लिमों के साथ बैठक आज के एजेंडे में नहीं रखा गया था। सभी वर्गों से मुलाकत करने के बाद बीएनएसडी शिक्षा निकेतन में दोनों प्रभारी मन्त्रियों ने संगठन की बैठक में हिस्सेदारी की। एजेंडे के मुताबिक 80 फीट रोड में एससी समाज के साथ पहली बैठक में उन्होंने सभी से जीत के लिए आवश्यक सुझाव मांगे।

इसके बाद नेहरू नगर में सम्राट गेस्ट हाउस में सिख समाज के लोंगों से भी सीट की जीतने की मन्त्रणा की। सूटरगंज में वैश्य समाज के लोगों से मिलकर दोनों ने जीतने के लिए कार्यकर्ताओं के साथ ही समाज के वरिष्ठ नेताओं से सुझाव मांगे। वर्ष 2012 में इस विधानसभा क्षेत्र का नया परिसीमन हुआ। उसके बाद से यह सीट सपा के पास है। भाजपा के पास ये सीट जीतने का बड़ा मौका है। इसे भाजपा खुद समझ रही है और इस मौके को अब भाजपा गंवाना नहीं चाहती है। वहीं इस सीट पर कई नेता अभी से दावा ठोंकने लगे हैं। कई नेता दिल्ली के साथ ही प्रदेश स्तर पर संगठन की परिक्रमा लगाने लगे हैं। इस सीट पर अब भाजपा में ही मांग उठने लगी है कि सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र में निवास करने वाले भाजपा कार्यकर्ता को टिकट मिले। वहीं पार्टी सूत्रों के मुताबिक इस बार पार्टी यहां से दलित चेहरे को टिकट दे सकती है। ये सीट वर्ष-1991 से 2002 तक लगातार तीन बार भाजपा के पास ही रही है। यहां से तीन बार राकेश सोनकर विधायक रहे। जबकि इसके बाद 2002 से 2012 तक कांग्रेस से संजीव दरियाबादी के पास रही। दोनों ही विधायक दलित चेहरे के रूप में यहां से जीत कर आए। भाजपा बीते चुनावों में ब्राह्मण चेहरे पर दांव लगा रही है, लेकिन हार का मुंह ही देखना पड़ रहा है। इस बार पार्टी दलित चेहरे पर दांव लगा सकती है। इस मुस्लिम बाहुल्य सीट पर भाजपा को जीत दर्ज करने के लिए ब्राह्मण और दलितों को एकजुट करना होगा। क्योंकि मुस्लिम मतदाता भाजपा से खासा नाराज हैं। लोकसभा चुनाव में भी भाजपा सीसामऊ विधानसभा बुरी तरह हार चुकी है। ऐसे में भाजपा को मुस्लिम वोटबैंक को साधने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी।

(Udaipur Kiran)

(Udaipur Kiran) / अजय सिंह / बृजनंदन यादव

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