जयपुर, 25 जुलाई (Udaipur Kiran) । भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने अपने पद से त्यागपत्र देने की पेशकश की है। जाेशी पिछले चार दिन से दिल्ली में हैं। उन्हाेंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात कर अपनी बात रखी। इससे पहले भी लोकसभा चुनावों के परिणाम आते ही उन्हाेंने इस्तीफा देने की पेशकश कर दी थी।
सूत्राें के अनुसार जोशी विधानसभा चुनावों के परिणामों (दिसंबर-2023) में राजस्थान में भाजपा की सरकार बनने के बाद से ही पद छोड़ना चाहते थे। उन्हें पार्टी आलाकमान ने पद पर बने रहने को कहा था। उनके नेतृत्व में पार्टी की सरकार बन गई थी, वे किसी नए नेता को कमान सौंपना चाहते थे। लोकसभा चुनाव से पहले भी जोशी ने आलाकमान को कहा था, वे स्वयं चित्तौड़गढ़ से चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में प्रदेश भर में चुनाव प्रचार नहीं कर सकेंगे। उस समय आलाकमान ने उन्हें पद पर बने रहने को कह दिया था। अब लोकसभा के चुनाव परिणाम आए भी करीब डेढ़ महीना हो गया है। ऐसे में उन्होंने पद छोड़ने की पेशकश एक बार फिर कर दी है।
संसद भवन में सोमवार को गृहमंत्री अमित शाह से जोशी ने मुलाकात की थी। दोनों नेताओं के बीच राजस्थान की पांच विधानसभा सीटों पर होने वाले उप चुनाव को लेकर चर्चा हुई थी। जोशी पिछले दिनों उप चुनाव वाले जिलों की कार्य समितियों की बैठक में भी शामिल हुए थे। बैठकों से मिले फीडबैक के बारे में भी जोशी ने शाह को अवगत करवाया था।
गौरतलब है कि राजस्थान में भाजपा ने पिछले दो लोकसभा चुनावों 2014 और 2019 में सभी 25 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस बार 11 सीटों पर उसे हार का सामना करना पड़ा। इन परिणामों से जोशी दुखी तो नहीं थे, लेकिन वे असंतुष्ट जरूर थे। उन्होंने आलाकमान को बताया था कि लोकसभा चुनावों में क्या-क्या टिकट संबंधी समीकरण रहे और किन कारणों से चुनावों में अपेक्षित परिणाम नहीं मिले। उन्होंने स्वीकार किया था कि पार्टी को कुछ तय जातिगत-समाजों के वोट नहीं मिल सके हैं। ऐसे में उन्हें भी प्रतिनिधित्व देना आवश्यक है।
(Udaipur Kiran) / रोहित